पटना : बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के पिता अपनी बेटी के साथ फरीदाबाद में हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह ने बड़ी भावकुता के साथ कहा कि मेरी मृत्यु होने के बाद मेरी चिता को कौन अग्नि देगा. बाप जब मरता है, तो बेटा ही मुखाग्नि देता है, लेकिन मेरा बेटा तो चला गया. उन्होंने कहा कि बेटे की हत्या हुई है. सुशांत के पिता और पूरे परिवार को इस बात का भरोसा है कि सीबीआइ की जांच में सबकुछ साफ हो जायेगा. उन्हें भरोसा है कि न्याय मिलेगा.
बिहार पुलिस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह ने कहा कि ब्रांदा थाने में पटना पुलिस टीम के खिलाफ जिस धारा में एफआइआर कराने के लिए आवेदन दिया गया है, उस धारा में आम नागरिक एफआइआर नहीं करा सकता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मृत्युंजय सिंह ने कहा कि धारा 353 और 352 में सिर्फ सरकारी कर्मचारी ही एफआइआर दर्ज करा सकते हैं. अगर यह एफआइआर होता है तो यह गलत होगा. उक्त धारा में सरकारी कार्य में बाधा डालने पर पुलिस एवं अन्य सरकारी विभाग मामला दर्ज कराता है. इसलिए आम नागरिक को अधिकार नहीं है कि इस धारा में एफआइआर करे.
सुशांत सिंह राजपूत मामले में महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चाहे जो हलफनामा दिया हो, लेकिन यह सच है कि फांसी के फंदे से लटकते हुए सुशांत की एक भी तस्वीर मुंबई पुलिस नहीं दिखा पायी है. सवाल उठता है कि सुशांत सिंह की बहन के आने से पहले लाश को फांसी के फंदे से क्यों उतार दिया गया. लाश उतारने वाले से मुंबई पुलिस ने क्यों नहीं सवाल किया? एेसे तमाम सवाल हैं जो मुंबई पुलिस को कटघरे में खड़ा करते हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सुशांत का पोस्टमार्टम मुंबई पुलिस ने आनन-फानन में किया. यहां तक कि पारदर्शिता का ख्याल नहीं रखा गया और बिना वीडियोग्राफी के ही पोस्टमार्टम करा दिया गया. यह तमाम सवाल गले का फंदा बनने वाला है.
सुशांत की मौत के मामले में उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती, बिजनेस मैनेजर श्रुति मोदी और सोशल मीडिया का काम देखने वाले सिद्धार्थ पिठानी बड़े राजदार हैं. इनकी भूमिका सवालों के घेरे में है. श्रुति मोदी और रिया तो सुशांत के पिता के उस वायरल मैसेज पर ही घिर रही हैं. जब सुशांत के पिता सुशांत के बारे में जानकारी लेना चाहते थे, तो क्यों नहीं फोन से बात की गयी.
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