बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के राजनीतिक जीवन की शुरुआत पटना विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान ही हो गयी थी. 1971 में वह पहली बार पटना विश्वविद्यालय के छात्र संघ के पांच सदस्यीय कैबिनेट के सदस्य निर्वाचित हुए. 1973 से 1977 पटना विवि छात्रसंघ के निर्वाचित महामंत्री थे. इसी संघ के अध्यक्ष लालू प्रसाद और संयुक्त सचिव रविशंकर प्रसाद थे. 1977 से 1986 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री, प्रदेश संगठन मंत्री और यूपी-बिहार के क्षेत्रीय संगठन मंत्री रहे. 1974 में जेपी आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका रही.
1990 में पहली बार पटना केंद्रीय विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने. 1995 एवं 2000 में इसी क्षेत्र से चुने गये. 2004 में भागलपुर लोकसभा से जीते. 2005 में लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा देकर बिहार विधान परिषद के सदस्य बने. 2012 और 2018 में फिर एमएलसी बने. 2000 में संसदीय कार्यमंत्री बने, 2005 में उप-मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री बने.
2013 में देशभर के वित्त मंत्रियों की प्राधिकृत समिति के अध्यक्ष बने. इसके बाद 2017 में फिर से एनडीए की सरकार बनने के बाद फिर से डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री बने और 2020 के विधान चुनाव तक वह इसी पद पर रहे.
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सुशील कुमार मोदी विधानसभा, लोकसभा, विधान परिषद के बाद राज्यसभा का सदस्य बनने वाले बिहार के तीसरे नेता हैं. इससे पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और नागमणी भी चारों सदस्यों के सदस्य रह सकते हैं. लालू प्रसाद यादव 1977 में लोकसभा, 1980 में विधानसभा, 1990 में विधानपरिषद और 2002 में राज्यसभा सदस्य चुने गये थे.
Posted by : Thakur Shaktilochan