EWS आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने आरक्षण के पक्ष में फैसला सुनाया है. केंद्र सरकार के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगने के बाद अब बिहार में सियासी बयानबाजी का दौड़ शुरू हो गया है. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि RJD ने EWS के 10 फीसदी आरक्षण के विरोध में संसद के दोनों सदनों में मतदान किया था. अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले पर मुहर लगा दी है. तेजस्वी यादव की पार्टी अब किस मुंह से सवर्णो से वोट मांगने जाएगी.
भाजपा के राज्य सभा सदस्य सुशील मोदी ने सोमवार को ट्विटर पर एक वीडियो के माध्यम से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो देश के गरीब सवर्णों के हिट में निर्णय लिया था. उस फैसले पर आज सुप्रीम कोर्ट ने भी बहुमत से मुहर लगा दी है. उन्होंने कहा कि संसद में जब संविधान के 103 वें संशोधन के तहत गरीब सवर्णों के लिए EWS के तहत आरक्षण का प्रस्ताव लाया गया था तो राजद ने दोनों सदनों में इस संशोधन का विरोध किया था. तेजस्वी यादव के पार्टी के सांसदों ने इस संशोधन के खिलाफ वोटिंग की थी.
RJD ने EWS के १० % आरक्षण के विरोध में संसद के दोनों सदनों में मतदान किया था।Rjd अब किस मुँह से सवर्णो से वोट माँगने जाएगी । pic.twitter.com/oUjl4c6Z1M
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) November 7, 2022
सुशील मोदी ने कहा कि अब तो गरीब सवर्णों के आरक्षण पर देश के सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी है. राजद पार्टी को अब जनता को जवाब देना पड़ेगा कि उसने आरक्षण का विरोध क्यों किया था. उन्होंने कहा कि संसद में इस संशोधन का विरोध करने के बाद अब राष्ट्रीय जनता दल ऊंची जाती के लोगों से कैसे वोट मांगने जाएगी. अब उसे जनता का जवाब देना पड़ेगा.
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वहीं दूसरी तरफ बिहार में महगठबंधन में शामिल पार्टियों ने आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है. बता दें कि 5 जजों में से 3 जज EWS कोटा से आरक्षण के पक्ष में रहें. मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस माहेश्वरी ने कहा कि EWS कोटा संविधान के खिलाफ नहीं है ऐसे में अब यह तो तय हो गया है कि देश में EWS कोटा से आरक्षण जारी रहेगा.