बिहार के पूर्व विधायक गुलाब यादव व IAS संजीव हंस पर अब निगरानी की भी नजर, कसेगा शिकंजा

बिहार के आइएएस अफसर संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव पर अब एसवीयू की भी नजर है. जानिए क्या है नयी जानकारी...

By ThakurShaktilochan Sandilya | September 2, 2024 10:09 AM

बिहार में ऊर्जा विभाग से हटाये गये आइएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव की मुश्किलें कम होने का नाम भी नहीं ले रही हैं. पहले संजीव हंस के अलावा राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत केस दर्ज कर रखा है. अब दोनों पर आय से अधिक संपत्ति यानी डीए का केस भी हो सकता है. संभावना है कि विशेष निगरानी जल्द ही इस मामले की तहकीकात कर दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर इनकी बेनामी संपत्ति की जांच कर सकती है. गृह विभाग के सूत्रों का कहना है कि इडी के पत्रों की जांच की जा रही है.

इडी ने जुलाई में की थी संजीव हंस और गुलाब यादव पर छापेमारी

आइएएस अधिकारी संजीव हंस और गुलाब यादव के खिलाफ इडी ने जुलाई महीने में मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया था. इडी ने इन दोनों के पटना के साथ ही पुणे, गुडग़ांव, नोएडा के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की थी. जांच के दौरान इनके पास आय से अधिक काफी बेनामी संपत्ति की जानकारी भी मिली थी. संपत्तियां दिल्ली, नोएडा, गुडग़ांव, पुणे, पंजाब समेत अन्य जगह पर होने की जानकारी भी जांच के दौरान सामने आयी थी. इसके अलावा बैंक खाते में लाखों रुपये जमा होने के प्रमाण भी इडी को को मिले थे.

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ईडी ने निगरानी को भेजा है पत्र!

इडी ने अपनी जांच के करीब डेढ़ महीने के बाद अब राज्य सरकार की विशेष निगरानी इकाई के एडीएजी नैयर हसनैन को एक पत्र भेज संजीव हंस के खिलाफ आय से अधिक अर्जित संपत्ति मामले की जांच के लिए लिखा है. हालांकि विशेष विशेष निगरानी इकाई की ओर से अब तक इसकी पुष्टि नहीं की गई है. सूत्र बताते हैं कि इडी ने विशेष निगरानी को लिखे पत्र में करोड़ों की बेनामी संपत्ति मिलने की बात कही है.

संजीव हंस और गुलाब यादव की बढ़ सकती है मुश्किलें

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इडी द्वारा सौंपे गये दस्तावेज और पत्र को आधार बनाकर विशेष निगरानी इकाई संजीव हंस और गुलाब यादव पर मुकदमा दर्ज कर बेनामी और आय से अधिक संपत्ति की जांच करेगी. सूत्रों की माने तो पहले विशेष निगरानी दस्तावेज और साक्ष्यों की जांच पड़ताल करेगी इसके बाद ही आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज किया जायेगा.

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