बिहार में जेल एआइजी ने बनाए पटना समेत 7 शहरों में प्लॉट व फ्लैट, निगरानी की छापेमारी में खुला राज
सहायक इंस्पेक्टर जेनरल (एआइजी) रूपक कुमार के ठिकानों पर सोमवार को विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने छापेमारी की. छापेमारी में मुख्य सचिवालय स्थित जेल निदेशालय स्थित उनके कार्यालय की तलाशी ली गयी, तो उनके पास मौजूद बैग से पांच लाख 80 हजार 822 रुपये मिले.
आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने सोमवार को जेल महकमे के सहायक इंस्पेक्टर जेनरल (एआइजी) रूपक कुमार के ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान मुख्य सचिवालय स्थित जेल निदेशालय स्थित उनके कार्यालय की तलाशी ली गयी, तो उनके पास मौजूद बैग से पांच लाख 80 हजार 822 रुपये मिले. ये पैसे सुबह-सुबह ही जेल में सामान सप्लाइ करने वाले किसी ठेकेदार ने लाकर दिये थे.
शहर के आशियाना नगर फेज-2 के सी-ब्लॉक में मौजूद उनके आलीशान तीन मंजिला मकान से 62 लाख रुपये के सोने-चांदी के गहने मिले. इसके इसके अलावा, 80 लाख के बहुमूल्य सामान मिले हैं. देवघर, रांची, जमशेदपुर, सिलीगुड़ी, नोएडा व बेंगलुरु में जमीन, फ्लैट व दुकानों के कागजात भी मिले हैं. इनकी फिलहाल जांच चल रही है. जांच के बाद ही इनकी कुल वास्तविक कीमत की जानकारी मिल पायेगी.
पटना वाले मकान के ड्राइंग रूम से लेकर बाथरूम तक की पूरी आंतरिक और बाहरी साज-सज्जा पर ही करोड़ों रुपये खर्च किये गये हैं. इनके पास से बिहार नंबर की एक मारुति ऑल्टो और एक झारखंड नंबर की होंडा सिटी कार मिली है. होंडा सिटी कार किसी दूसरे के नाम पर है. पूछने पर एआइजी ने बताया कि संबंधित व्यक्ति ने उन्हें चढ़ने के लिए दी है. यह कार उनके किसी नजदीकी रिश्तेदार के नाम पर है. जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि इसे खरीदने के लिए पैसे उन्होंने दिये थे या नहीं.
एआइजी ने अपनी अवैध कमाई का निवेश दूसरे कई शहरों में जमीन, फ्लैट और दुकान खरीदने में किया है. ये संपत्तियां उन्होंने स्वयं और पत्नी के नाम पर खरीदी हैं. देवघर में करीब 20 कट्ठा का प्लॉट, जमशेदपुर के पॉश इलाके में तीन बीएचके का फ्लैट व प्लॉट और रांची में भी एक शानदार फ्लैट और कई स्थानों पर प्लॉट के कागजात मिले हैं.
पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में प्लॉट व फ्लैट मिले. नोएडा में दुकानें (गौड़ सिटी में) व दो-तीन प्लॉट के अलावा बेंगलुरु के पॉश इलाके में 1200 वर्गफुट का प्लॉट खरीदने के लिए इंडिया बुल रियल एस्टेट से एग्रीमेंट के कागजात मिले हैं, जिसकी रजिस्ट्री अभी नहीं हुई है. पटना में बिहटा और लोदीपुर इलाके में इनके करीब आधा दर्जन प्लॉट हैं.
रूपक कुमार करीब 27 साल पहले जेल महकमे की नौकरी में आये. 1995 में वह जेलर बने. इसके बाद जेल एआइजी बने. जेलर बनने से पहले वह बैंक में क्लर्क थे. वह बेऊर जेल में भी जेलर रह चुके हैं.