Loading election data...

सात समुद्र पार स्वीडन में पलेगा बेगूसराय का ”धर्मराज”, मां ने जन्म देने के बाद लावारिस हालत में दिया था छोड़

पासपोर्ट एवं वीजा बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है तथा यह तैयार होते ही स्वीडन के दंपती धर्मराज को लेकर अपने देश चले जायेंगे. व्यवसायी पिता डेनियल संजय एवं लाइब्रेरियन मां कैटरीना एम्मा ने जब धर्मराज को गोद में उठाया तो एक ओर धर्मराज की खिलखिलाहट गूंज उठी तो वहीं दंपती के चेहरे भी खिल उठे

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2023 2:25 AM

2020 में एक मां ने जन्म देने के बाद अपने जिस नवजात को लावारिस हालत में सड़क किनारे छोड़ दिया था. वह नवजात धर्मराज अब सात समुद्र पार स्वीडन के महलों में पलेगा. बाल कल्याण समिति लखीसराय के प्रयास से दत्तक ग्रहण संस्थान बेगूसराय में रह रहे धर्मराज को सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद डीएम रोशन कुशवाहा ने स्वीडन के नागरिक डेनियल संजय ओहल्सन एवं उनकी पत्नी कैटरीना एम्मा सुजैन संजय ओहल्सन को सौंप दिया है.

धर्मराज के पासपोर्ट एवं वीजा की प्रक्रिया शुरू 

पासपोर्ट एवं वीजा बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है तथा यह तैयार होते ही स्वीडन के दंपती धर्मराज को लेकर अपने देश चले जायेंगे. व्यवसायी पिता डेनियल संजय एवं लाइब्रेरियन मां कैटरीना एम्मा ने जब धर्मराज को गोद में उठाया तो एक ओर धर्मराज की खिलखिलाहट गूंज उठी तो वहीं दंपती के चेहरे भी खिल उठे. मौके पर जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक गीतांजली प्रसाद, बाल संरक्षण पदाधिकारी सुजीत कुमार एवं विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान के समन्वय ऋतु कुमारी आदि उपस्थित थे.

तीन दिनों के अंदर चार बच्चों को दिया गया गोद 

उल्लेखनीय है कि विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में रह रहे चार बच्चों को विगत तीन दिनों के अंदर उनके दत्तक माता-पिता को सौंपा गया है. धर्मराज को जहां स्वीडन की दंपती ने गोद लिया है. वहीं साहिल को केरल, साक्षी को पटना एवं शिवम को बिहटा के दंपती ने गोद लिया है.

डीएम ने बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी

डीएम रोशन कुशवाहा ने बताया कि पहले न्यायालय द्वारा दत्तक ग्रहण करने की प्रक्रिया की जाती थी. लेकिन अब उसमें संशोधन करते हुए जिला पदाधिकारी के कोर्ट द्वारा यह प्रक्रिया पूरी करने का प्रावधान किया गया है. इसके बाद तीन दिनों में चार बच्चों के दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया पूरी की गयी. जिसमें एक बच्चा विदेश गया तथा तीन बच्चे स्वदेश में हैं. जल्द ही दो और बच्चों के दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. डीएम ने संबंधित दत्तक माता-पिता को बच्चे के समुचित देखभाल एवं अच्छी परवरिश करने का निर्देश दिया तथा बच्चों को उनके बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं.

ऑनलाइन जाता है बच्चों का रेफरल

किशोर न्याय अधिनियम के तहत देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों को संस्थान में आवासित कराया जाता है. संबंधित बच्चे की विवरणी दत्तक ग्रहण के लिए सीएआरए डॉट इन पर अपलोड किया जाता है. इसके बाद निबंधित माता-पिता को ऑनलाइन माध्यम से ही बच्चों का रेफरल जाता है तथा सही अभिभावक की खोज कर गोद दिया जाता है. बच्चे का भविष्य बेहतर हो, कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए समय-समय पर जांच भी की जाती है.

Also Read: बिल्डरों को प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले खाते में जमा राशि का बताना होगा स्रोत, बिहार RERA ने दिए निर्देश
गोद देने के बाद भी बच्चों की मॉनिटरिंग की जाती है

विशेष दत्तक ग्रहण केंद्र के समन्वय श्रुति कुमारी ने बताया कि गोद लेने की प्रक्रिया को सरकार ने सरल किया है और अब ऑनलाइन प्रक्रिया कर बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए गोद दिया जा रहा है. बच्चे को गोद लेने के लिए मेडिकल सहित सभी कागजात ऑनलाइन करना पड़ता है. भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होने पर दत्तक ग्रहण की कार्यवाही शुरू होती है. गोद देने के बाद भी बच्चों की मॉनिटरिंग की जाती है कि परवरिश सही से हो रही है या नहीं.

https://www.youtube.com/watch?v=D1cAUIfr96Y

Next Article

Exit mobile version