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बिहार के सभी थानों में महिला दारोगा की तैनाती में लगेंगे अभी और चार साल, अभी केवल 55 थानों में हुई तैनाती

इसकी मुख्य वजह महिला पदाधिकारियों की वर्तमान समय में अनुपात में कमी होना है.

कौशिक रंजन, पटना. पुलिस महकमा ने राज्य के सभी 1067 थानों और ओपी (ऑउट पोस्ट) मिला कर करीब एक हजार 300 थाना-ओपी में महिला दारोगा और थानेदार के तैनाती की पहल तेज कर दी है. परंतु तमाम कोशिशों के बाद भी प्रत्येक थाना एवं ओपी में कम से कम एक महिला दारोगा या थानेदार को तैनात करने में तीन से चार वर्ष का समय लगेगा. इसकी मुख्य वजह महिला पदाधिकारियों की वर्तमान समय में अनुपात में कमी होना है.

कम से कम तीन वर्ष लगेंगे

अभी करीब 800 महिला दारोगा एवं सार्जेंट की ट्रेनिंग पूरी हो गयी है. अब इन्हें फील्ड प्रशिक्षण के तौर पर तैनाती की कवायद शुरू हो गयी है. इन्हें थानों में पूरी जिम्मेदारी के साथ बतौर दारोगा के तौर पर काम करने में कम से कम तीन वर्ष लगेंगे. इसके अलावा करीब 700 महिला दारोगा की ट्रेनिंग जल्द ही शुरू होने जा रही है. इनकी ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ही इन्हें थानों में तैनात किया जायेगा. इसमें भी तीन से चार वर्ष का समय लगेगा. वर्तमान में मौजूद कई महिला दारोगाओं की प्रोन्नति इंस्पेक्टर रैंक में हो जायेगी. इस तरह से तीन से चार वर्ष बाद राज्य के सभी थानों और ओपी में कम से कम एक-एक महिला दारोगा और इंस्पेक्टर की तैनाती संभव हो सकेगी.

55 थानों में ही महिला थानेदार

वर्तमान समय में राज्य के सिर्फ 55 थानों में ही महिला थानेदार या दारोगा की तैनाती है. महिला पदाधिकारियों की उपलब्धता थाना स्तर पर इस अनुपात में नहीं होने की वजह से ऐसा नहीं हो पा रहा है. परंतु हाल के दारोगा बहाली में 35 फीसदी से ज्यादा महिलाओं के बहाल होने से कुछ समय बाद पदाधिकारी स्तर पर इनकी कमी दूर हो जायेगी. राज्य में जो बड़े थाने हैं, उनमें दो या तीन महिला दारोगा को भी पदस्थापित किया जायेगा.

सिपाही स्तर पर इस तरह की समस्या नहीं

हालांकि महिला सिपाहियों के मामले में यह समस्या नहीं है. मौजूदा समय में बिहार पुलिस फोर्स में महिला सिपाहियों की संख्या करीब 24 हजार है. दारोगा के मुकाबले अधिक संख्या में और ज्यादा तेजी से सिपाहियों की बहाली होने से इस स्तर पर महिला सिपाहियों की कोई कमी नहीं है. सभी थानों से लेकर ओपी तक में महिला सिपाहियों की तैनाती अच्छी संख्या में हो गयी है. पेट्रोलिंग, विधि-व्यवस्था संभालने से लेकर अन्य सभी कार्यों में भी अब इनकी मौजूदगी दिखने लगी है.

क्या बोले एडीजी

एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि आने वाले कुछ वर्षों के दौरान राज्य में महिला पदाधिकारियों की संख्या जरूरत के मुताबिक हो जायेगी. तब सभी थानों में कम से कम एक महिला दारोगा और थानेदार की तैनाती हो सकेगी. नव नियुक्त महिला कर्मियों में कुछ की ट्रेनिंग पूरी हो गयी है, जबकि कुछ की शुरू होने जा रही है.

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