Indo-Nepal border highway: पटना. इंडो-नेपाल बॉर्डर हाइवे बनने में अभी और वक्त लगेगा. बंगाल से चंपारण को सीधा जोड़नेवाले इस हाइवे का निर्माण इस साल के अंत तक पूरा होने का नया लक्ष्य रखा गया है. पहले इस हाइवे को 2024 के दिसंबर में ही तैयार हो जाना था. सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण भारत नेपाल सीमा सड़क का निर्माण कार्य पश्चिम चंपारण में अंतिम चरण में है, कुछ स्थानों पर फ्लाइओवर और ओवरब्रिज का काम शेष रह गया है, जिसे इस साल के अंत तक पूरा कर लेने का दावा किया जा रहा है. इस सड़क का निर्माण हो जाने से पश्चिम बंगाल से पश्चिम चंपारण की सीधी कनेक्टिविटी होगी.
70 फीसदी निर्माण कार्य पूरा
वाल्मीकिनगर के मदनपुर से बननेवाली यह परियोजना किशनगंज होते हुए सिलीगुड़ी तक जाएगी. पश्चिम चंपारण जिले में वाल्मीकि नगर से लेकर रक्सौल के भूतहा तक बनाए जाने की योजना है. पश्चिम चंपारण जिले में 12 किलोमीटर लंबाई में टू लेन सड़क बननी है. इस सड़क का 70 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो गया है. पश्चिम चंपारण में 357 करोड़ की लागत से यह सड़क बननी है. पथ निर्माण विभाग की के कार्यपालक अभियान का इंजीनियर वीरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि भारत नेपाल सीमा सड़क का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. पश्चिम चंपारण जिले में 70 फ़ीसदी कार्य पूरा करा लिया गया है. शेष कार्य को निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरा करने का निर्देश संवेदक को दिया गया है.
दिल्ली से सीधा जुड़ेंगे 300 से अधिक गांव
सामरिक दृष्टिकोण से काफी महत्व रखनेवाले इस सड़क से लगभग 300 गांव की कनेक्टिविटी सीधे दिल्ली समेत देश के अन्य महानगरों से करने की योजना है. भू- अर्जन के लिए पीडब्ल्यूडी ने 400 करोड़ का आवंटन भूअर्जन के लिए उपलब्ध कराया है. भारत-नेपाल सीमा सड़क सामरिक दृष्टीकोण से काफी महत्वपूर्ण है. सड़क के बनने से यातायात कनेक्टिविटी बेहतर होगी. साथ ही तस्कर पर भी रोक लगेगी. जिले के उत्पादों का निर्यात होने में सुगमता होगी.
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