तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब का म्यूजियम होगा आधुनिक, संगतों के ठहरने के लिए बनेंगे 80 कमरे
आधुनिक तकनीक से लैस म्यूजियम के निर्माण में लगभग छह करोड़ रुपये की लागत आयेगी. कमेटी के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय अवतार सिंह हित ने इसे मंजूरी दी थी. अब सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी के सहयोग से इसका निर्माण होगा.
सिखों के दूसरे बड़े तख्त व श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज की जन्मस्थली तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब के म्यूजियम को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जायेगा, जिससे कि यहां आने वाले संगत गुरु महाराज के जीवन दर्शन और इतिहास को भलीभांति जान सकें. इसके साथ ही संगतों के ठहरने के लिए 80 कमरे बनाये जायेंगे.
कारसेवा वाले संतों को सौंपा गया दायित्व
पदधारकों ने मंगलवार को बैठक कर यह दायित्व कारसेवा वाले संतों को सौंपा. बैठक की अध्यक्षता कमेटी के अध्यक्ष जगजोत सिंह सोही और संचालन महासचिव इंद्रजीत सिंह ने की. अध्यक्ष सोही ने बताया कि पटियाला के कारसेवा वाले बाबा अमरीह द्वारा 80 कमरों के सराय निर्माण की मंजूरी के बाद कमेटी ने उनको सेवा सौंप दी है.
पंजाब के राज्यसभा सांसद कराएंगे निर्माण
म्यूजियम का निर्माण पंजाब के राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी की ओर से करायी जायेगी. जल्द ही म्यूजियम का आधुनिकीकरण और कमरों के निर्माण कार्य आरंभ होगा. इसके लिए दीवान हॉल के पीछे जगह दी जायेगी, जिसमें निचले तल्ले पर आधुनिक तकनीक आधारित म्यूजियम का निर्माण होगा. बैठक में कनीय उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह, बिल्डिंग कमेटी के सरजिंदर सिंह, सुमित सिंह कलसी, सन्नी सोही समेत अन्य उपस्थित थे. अध्यक्ष ने बताया कि अगले वर्ष होने वाले श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के प्रकाश पर्व से पहले इसका निर्माण कार्य पूरा करा लिया जायेगा.
म्यूजियम के आधुनिकीकरण पर छह करोड़ होंगे खर्च
अध्यक्ष ने बताया कि आधुनिक तकनीक से लैस म्यूजियम के निर्माण में लगभग छह करोड़ रुपये की लागत आयेगी. कमेटी के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय अवतार सिंह हित ने इसे मंजूरी दी थी. अब सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी के सहयोग से इसका निर्माण होगा. आधुनिक म्यूजियम में निर्माण के बाद हर भाषा में गुरु महाराज के जीवन दर्शन से जुड़ी जानकारी संगत को उपलब्ध होगी.
आधुनिक पुस्तकालय का भी कराया जाएगा कार्य
आधुनिक सुविधाओं से लैस म्यूजियम में ही आधुनिक पुस्तकालय पर भी कार्य कराया जायेगा, जिसमें गुरु महाराज के जीवन दर्शन से समर्पित पुस्तकें पुस्तकालय में रखे जायेंगे. सराय का निर्माण होने से संगतों को ठहरने में परेशानी नहीं होगी.