बिहार सरकार और सर्वे कर्मियों के बीच वार्ता विफल, काम पर नहीं लौटने वाले 500 कर्मियों को नोटिस
हड़ताल खत्म करने की अपील के बाद काम पर नहीं लौटने वाले 500 कर्मियों को नोटिस जारी किया गया है. जिलों से जैसे- जैसे सूची आ रही है नोटिस जारी किया जा रहा है. सभी कर्मियों से तुरंत कार्य पर लौटने की अपील की है.
बिहार में सर्वेक्षण कर्मियों की हड़ताल नहीं टूटी है. दोनों पक्षों की वार्ता विफल हो गयी है. सरकार ने सेवा के स्थायीकरण, 60 वर्ष तक सेवा-अवधि का निर्धारण, पदनाम में बदलाव आदि मांगों को विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मी नियमावली के विपरीत बताया है. हड़ताल खत्म करने की अपील के बाद काम पर नहीं लौटने वाले 500 कर्मियों को नोटिस जारी किया गया है. जिलों से जैसे- जैसे सूची आ रही है नोटिस जारी किया जा रहा है. सभी कर्मियों से तुरंत कार्य पर लौटने की अपील की है.
सर्वेक्षण कर्मी 10 जनवरी से हड़ताल पर हैं
राज्य के 20 जिलों के 89 अंचलों में जमीन के सर्वे का काम चल रहा है. 208 शिविर में कार्यरत 2729 विशेष सर्वेक्षण अमीन, 282 कानूनगो एवं 164 विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी कार्यरत हैं. सर्वेक्षण कर्मी 10 जनवरी से कर्मचारी हड़ताल पर हैं.
सर्वेक्षण संविदा कर्मी संघ के महामंत्री को किया गया था बर्खास्त
निदेशक सर्वे सह सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग जय सिंह ने 12 जनवरी को हड़ताल कराने वाले बिहार राज्य विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मी संघ के महामंत्री पंकज कुमार को बर्खास्त कर दिया था. सोमवार तक काम पर नहीं लौटने वालों की सेवा समाप्त करने की चेतावनी जारी कर दी थी. सोमवार तक जिलों से ब्यौरा मांगा था. सचिव जय सिंह ने अरवल में कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से वार्ता की. सचिव का दो टूक कहना था कि बिहार विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मी संघ ने पांच जनवरी को मांग पत्र दिया था. 10 जनवरी से कार्य कार्य बहिष्कार एवं 12 जनवरी से विशेष सर्वेक्षण कार्य को बाधित करना अव्यवहारिक है. संघ एवं कर्मियों द्वारा अपने पदाधिकारियों को अपनी मांगों से अवगत भी नहीं कराया गया.
Also Read: बिहार में एक ही बार में बर्खास्त हो सकती है 3000 सर्वे कर्मियों की सेवा, जानें क्या है पूरा मामला
जायज मांगों पर सार्थक पहल : जय सिंह
निदेशक सर्वे सह सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग जय सिंह का कहना है कि जून, 2022 की हड़ताल के बाद विभिन्न प्रकार के अवकाश , शिविर स्तरीय सुविधाओं की बहाली, सेवा अभिलेख का संधारण, इंटरनेट आदि के लिए व्यय का भुगतान आदि जायज मांग को लेकर सार्थक पहल की गयी है. संविदा कर्मियों के लिए यात्रा भत्ता की अनुमान्यता, वेतन वृद्धि आदि के लिए सरकार से अनुरोध किया जा रहा है. कर्मियों को बता दिया है कि विशेष सर्वेक्षण बाधित करने वालों को दंडित किया जायेगा.