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पटना के टाल क्षेत्र का और तेजी से होगा विकास, बिहार सरकार ने अलग से बनायी है योजना

मुर्तजापुर गांव में मुख्यमंत्री ने कुल 15 एकड़ जल क्षेत्र में मत्स्य पालन योजना अंतर्गत मिश्रित मत्स्य पालन तालाबों का निरीक्षण किया. उन्होंने मुख्यमंत्री तालाब मात्स्यिकी विकास योजना अंतर्गत तालाब मात्स्यिकी हेतु यांत्रिक एरेटर का स्वीच दबाकर शुभारंभ किया.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाधान यात्रा के क्रम में शनिवार को खगड़िया पहुंचे. उन्होंने अलौली प्रखंड के रौन में राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय का उद्घाटन किया. खगड़िया जिले से लौटते समय मुख्यमंत्री ने पटना जिले के बेलछी प्रखंड के मुर्तजापुर गांव में विकास योजनाओं का जायजा लिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि टाल क्षेत्र का और विकास किया जायेगा. पहले बिहार में बाहर से मछली की आपूर्ति होती थी. अब बहुत कम मात्रा में बाहर से मछली लायी जाती है. इसी साल मछली उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जायेगा और अब बिहार में बाहर से मछली लाने की जरूरत नहीं होगी.

मत्स्य पालन तालाबों का सीएम ने निरीक्षण किया 

मुर्तजापुर गांव में मुख्यमंत्री ने कुल 15 एकड़ जल क्षेत्र में मत्स्य पालन योजना अंतर्गत मिश्रित मत्स्य पालन तालाबों का निरीक्षण किया. उन्होंने मुख्यमंत्री तालाब मात्स्यिकी विकास योजना अंतर्गत तालाब मात्स्यिकी हेतु यांत्रिक एरेटर का स्वीच दबाकर शुभारंभ किया. साथ ही कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया. उन्होंने सांकेतिक तौर पर छह किसानों को कृषि यंत्रों की चाबी प्रदान की.

टाल क्षेत्र का और तेजी से होगा विकास

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि टाल क्षेत्र में सड़क सहित अन्य विकास के बहुत काम करवाये गये हैं. राज्य सरकार ने अलग से विकास योजना बनायी है. वे इस क्षेत्र से 1985 में विधायक भी रह चुके हैं और 1986 और 1987 में बेलछी सहित नालंदा के क्षेत्रों में घूम-घूमकर स्थिति का जायजा लिया था. साथ ही वे केंद्रीय मंत्री रहने के दौरान भी इस क्षेत्र के विकास के लिए प्रयासरत थे.

2008 में लागू किया गया पहला कृषि रोड मैप

बिहार में वर्ष 2008 में पहला कृषि रोड मैप लागू किया गया. कृषि रोड मैप के अंतर्गत मत्स्य पालन किया जा रहा है. पहले इन इलाकों में जलजमाव होने के कारण किसान वर्ष में एक ही फसल उगा पाते थे. इन इलाकों में पहले कई–कई सालों तक खेती नहीं भी होती थी. हमलोगों की कोशिश है कि किसान दोनों फसलें उगा सकें. हमलोगों ने वर्ष 2015–16 में ही बिहार में जैविक खेती की शुरुआत की थी. अब बिहार में बड़े पैमाने पर जैविक खेती हो रही है.

सीएम ने दिये निर्देश

  • फसल अवशेष प्रबंधन के संबंध में लोगों को जागरूक करें.

  • पर्यावरण सुरक्षा एवं जलवायु परिवर्तन के खतरों को कम करने हेतु पराली जलाने पर रोक लगाएं.

  • अनुदानित दर पर किसानों को दिए जाने वाले कृषि यंत्रों के संबंध में अधिक प्रचार–प्रसार करायें

  • मत्स्य पालन योजना के लाभुक सोलर लाइट का अधिक प्रयोग करें.

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