पटना. राज्य में सभी जमीन दस्तावेजों की स्कैनिंग और डिजिटाइजेशन का कार्य इसी महीने पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है. फिलहाल करीब 60 फीसदी दस्तावेजों की स्कैनिंग और डिजिटाइजेशन हो चुकी है.स्कैनिंग और डिजिटाइजेशन के बाद भू-अभिलेख पाेर्टल पर अपलोड हो चुके दस्तावेजों की डाटा सहित इमेज की गुणवत्ता जांच का राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है. इस जांच की जिम्मेदारी संबंधित अंचल कार्यालय, जिला अभिलेखागार, भूमि सुधार उप समाहर्ता कार्यालय, भू-अर्जन कार्यालय और अपर समाहर्ता कार्यालय को दी गयी है. इसका मकसद आम लोगों को जमीन के डाटा के अनुसार सही दस्तावेज उपलब्ध करवाना है. सूत्रों के अनुसार राज्य में जमीन से संबंधित करीब 28 से 30 लाख दस्तावेजों की स्कैनिंग और डिजिटाइजेशन किया जाना है. इसमें से अब तक करीब 18 लाख दस्तावेजों की स्कैनिंग और डिजिटाइजेशन हो चुकी है. ये भू-अभिलेख पोर्टल पर भी अपलोड किये जा रहे हैं. इन सभी को भू-अभिलेख पोर्टल से जाकर फ्री में देखा जा सकता है और मामूली शुल्क देकर डाउनलोड किया जा सकता है. फिलहाल जमीन सर्वे के लिए ऐसे दस्तावेजों की रैयतों को बहुत जरूरत है. पोर्टल पर दस्तावेज उपलब्ध होने से रैयतों को अंचल कार्यालय जाकर दस्तावेजों को देखने के लिए परेशान नहीं होना पड़ रहा है. विभागीय जानकारों का कहना है कि फिलहाल 36 प्रकार के राजस्व अभिलेखों को डिजिटाइज और स्कैन करने का काम चल रहा है. इनमें खतियान और पंजी-2 की प्रति शामिल है.
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