दिल्ली चुनाव में कांग्रेस ने AAP से लिया बदला? राहुल गांधी के सांसद ने बताया- क्यों पिछड़ी आम आदमी पार्टी

Delhi Election News: दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी के पिछड़ने की क्या वजह रही? क्या कांग्रेस ने बदला लिया? बिहार के कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने जानिए क्या कहा...

By ThakurShaktilochan Sandilya | February 8, 2025 12:49 PM

दिल्ली चुनाव में पड़े वोटों की गिनती शुरू हुई तो भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच ही मुकाबला दिखा. कांग्रेस शुरू से ही बेहद पिछड़ी रही और एक भी सीट पर पार्टी के प्रत्याशी बढ़त हासिल नहीं कर सके. भाजपा ने रूझानों में निर्णायक बढ़त बनायी और 40 से अधिक सीटों पर बीजेपी ने लीड़ ली तो सोशल मीडिया पर चर्चा छिड़ी रही कि कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी से बदला लिया और भाजपा का रास्ता आसान कर दिया. इसपर बिहार के कटिहार से कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

कटिहार के कांग्रेस सांसद दिल्ली चुनाव पर बोले

कटिहार के सांसद तारिक अनवर ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि दिल्ली में भाजपा की सरकार बनती दिख रही है. रूझान बीजेपी के पक्ष में है. अंतिम फैसले का स्वागत कांग्रेस करेगी. सांसद ने कहा कि चुनाव में हार की वजह का चिंतन-मंथन होगा. कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है, हम हारें या जीतें लेकिन चुनाव से नहीं भाग सकते.

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क्या AAP से कांग्रेस ने बदला लिया?

क्या कांग्रेस की वजह से आम आदमी पार्टी हार की तरफ बढ़ी दिख रही है. इस सवाल के जवाब पर तारिक अनवर ने कहा कि ये चर्चा गलत है. AAP क्षेत्रीय पार्टी है. उनकी मौजूदगी एक दो राज्यों से अधिक नहीं है. जबकि कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है. हम जनता के बीच जाकर चुनाव तो लड़ेंगे. बदले की बात गलत है.

क्या है आम आदमी पार्टी के पिछड़ने की वजह?

तारिक अनवर ने कहा कि दिल्ली चुनाव के परिणाम का बिहार चुनाव में कोई असर नहीं पड़ेगा. बिहार का चुनाव अलग ढंग से होगा. उन्होंने कहा कि पिछले 13 साल से दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के आम आदमी पार्टी की सरकार थी. सरकार से लोगों को काफी शिकायतें थी. सरकार विरोधी लहर वहां था.

कांग्रेस का खुलता नहीं दिखा खाता

बता दें कि दिल्ली चुनाव परिणाम के शुरुआती रूझान में कांग्रेस किसी भी सीट पर आगे नहीं बढ़ सकी. एक सीट पर प्रत्याशी कुछ देर के लिए आगे निकले लेकिन वापस पीछे होने के बाद लीड कहीं नहीं मिली. दिन में 1 बजे तक कांग्रेस के खाते में एक भी सीट नहीं थी. जबकि किसी सीट पर प्रत्याशी बढ़त तक नहीं ले सके थे. वहीं भाजपा बहुमत से आगे रूझान में निकल चुकी थी. इसे कई विरोधी दलों ने निर्णायक मान लिया था. बता दें कि आम आदमी पार्टी से पहले दिल्ली में कांग्रेस की सरकार रही है. लेकिन पिछले दो चुनाव में कांग्रेस सम्मानजनक स्थिति में भी आने के लिए जद्दोजहद ही करती रही है.

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