शिक्षक भर्ती परीक्षा: छपने से पहले ही लीक हुआ था पेपर, सॉल्वर गिरोह से मिले प्रश्न पत्र पर नहीं था बारकोड
बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से ली गयी शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के प्रश्न पत्र छपने से पहले ही लीक हो चुके थे. यह आशंका मामले की जांच कर रही इओयू की जांच टीम ने जतायी है. उनका कहना है कि बरामद प्रश्नप्रत्र में बार कोड नहीं है.
पटना. बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के द्वारा ली गयी तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र व आंसर लीक मामले में प्रश्न पत्र की छपाई करने वाली एजेंसी और प्रिंटिंग प्रेस भी जांच के दायरे में है. आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) के सूत्रों के मुताबिक हजारीबाग में छापेमारी के दौरान साॅल्वर गिरोह के पास मिले प्रश्नपत्र पर बारकोड नहीं मिला है. इससे आशंका जतायी जा रही है कि प्रश्न पत्र छपाई के लिए प्रेस में जाने से पहले या छपाई से पहले ही लीक हुई थी. यह प्रश्न पत्र सॉल्वर गिरोह को पेन ड्राइव में सॉफ्ट कॉपी के रूप में मिला था. इओयू को शक है कि इसमें परीक्षा संचालन से जुड़ा कोई अहम व्यक्ति शामिल हो सकता है. परीक्षा के प्रश्नपत्र की छपाई करने वाली एजेंसी और प्रिंटिंग प्रेस भी जांच के दायरे में है.
जानकारी देने को बीपीएससी में नोडल पदाधिकारी बने
सूत्रों के अनुसार इओयू ने परीक्षा से जुड़ी जानकारी लेने के लिए बीपीएससी को एक नोडल पदाधिकारी तय करने को कहा है. इसके अलावा परीक्षा संचालन से जुड़े अहम पदाधिकारियों की जानकारी भी मांगी गयी है. परीक्षा संचालन से जुड़े कंप्यूटर व अन्य उपकरणों को यथास्थिति रखते हुए सील करने को कहा गया है. आवश्यकता पड़ने पर इओयू इनकी जांच कर सकती है.
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परीक्षा संचालन से जुड़ा हर व्यक्ति जांच के दायरे में
इओयू सूत्रों के अनुसार अभी परीक्षा संचालन से जुड़ा हर व्यक्ति व एजेंसी जांच के दायरे में है. बीपीएससी से भी आवश्यकतानुसार परीक्षा संचालन से जुड़ी जानकारी मांगी जायेगी. परीक्षा संचालन में किनकी क्या भूमिका रही? प्रश्न-पत्र की जानकारी किन-किन लोगों के पास थी? यह सारी जानकारी इओयू एकत्रित कर रही है. इस मामले में हजारीबाग से पकड़े गये अभ्यर्थियों व कुछ साल्वर गैंग के सदस्यों को जेल भेज दिया गया है. मामले में हाजीपुर और करबिगहिया से गिरफ्तार किये गये अभियुक्तों को खासकर रिमांड पर लेकर पूछताछ की जायेगी. जांच टीम को शक है कि इसमें अंतरराज्यीय गिरोह भी शामिल हो सकता है.