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Teachers’ Day 2021:बिहार में कई अफसर भी निभाते हैं शिक्षक की भूमिका, मुफ्त में कोचिंग चलाते हैं IAS अधिकारी

बिहार में ऐसे कई प्रशासनिक अफसर हैं, जिनके दिलों में एक शिक्षक का दिल धड़कता है. ऐसे अफसरों की संख्या दर्जनों में है. यह सभी लोग वे अफसर हैं, जिन्हें जब भी मौका मिलता है, तो बच्चों को पढ़ाने स्कूल या कॉलेज पहुंच जाते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | September 5, 2021 7:14 AM

बिहार में ऐसे कई प्रशासनिक अफसर हैं, जिनके दिलों में एक शिक्षक का दिल धड़कता है. ऐसे अफसरों की संख्या दर्जनों में है. यह सभी लोग वे अफसर हैं, जिन्हें जब भी मौका मिलता है, तो बच्चों को पढ़ाने स्कूल या कॉलेज पहुंच जाते हैं. सबसे विशेष बात यह है कि ये लोग बिना किसी शुल्क के पढ़ाते हैं. दरअसल, ज्ञान बांटने की ललक इन्हें दूसरे अफसरों से अलग खड़ा कर देती है…

राज्य के कई आइएएस अफसर मुफ्त में चलाते हैं कोचिंग

बिहार के कई आइएएस और आइआरएस अधिकारी बच्चों को बीपीएससी और आइएएस एक्जाम की तैयारी कराते हैं. मिशन 50 के नाम से संचालित कोचिंग में बच्चों को मुफ्त में पढ़ाया जाता है. ऑफ लाइन और ऑन लाइन दोनों मोड में पढ़ाई होती है.

 जानें गुरु की भूमिका निभाने वाले इन अधिकारियों को… 

इस ग्रुप में शामिल पंचायत राज निदेशालय के निदेशक डॉ रणजीत कुमार सिंह, ईखायुक्त आइएएस अफसर गिरिवर दयाल सिंह, आइआरएस अफसर अजय कुमार, पवन कुमार, भारतीय रेल सेवा के वरिष्ठ अफसर और उद्योग विभाग में विशेष सचिव दिलीप कुमार और डीएसपी पटना विवेक दीप बच्चों को पढ़ाते हैं. ये लोग अपने प्रशासनिक काम से परे अपनी निजी समय में से पढ़ाने का समय निकालते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि ये लोग किसी भी बच्चे से कोई शुल्क नहीं लेते.

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राज्य में डिजिटल एजुकेशन पर कुंदन कुमार ने किया खास फोकस

प्रदेश में डिजिटल एजुकेशन को कोविड आपदा से काफी पहले बिहार में प्रभावी बनाने वाले अफसर कुंदन कुमार हैं. उनका बांका मॉडल देश भर में चर्चित रहा है. दरअसल इस मॉडल के तहत उन्होंने हाइस्कूल के बच्चों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करायी. स्कूलों में टीवी पर होने वाली यह पढ़ाई कई जगह प्रभावी हुई.

पश्चिमी चंपारण में डिजिटल स्टूडियो बनवाया

पश्चिमी चंपारण में अभी डीएम के रूप में इन्होंने डिजिटल स्टूडियो बनवाया. इसमें 40 शिक्षकों की टीम रखी. कोविड काल में न केवल पश्चिमी चंपारण बल्कि पूरे प्रदेश के हजारों बच्चों ने फेसबुक और यू ट्यूब के जरिये पढ़ाई की. वे कहते हैं कि बच्चों के लिए हमें जो भी संभव हो, करना चाहिए. आखिर वे हमारा भविष्य हैं.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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