बच्चों के रिजल्ट पर होगा शिक्षकों का मूल्यांकन : शिक्षा विभाग

राज्य के सभी सरकारी प्रारंभिक व मध्य विद्यालयों में अर्द्धवार्षिक परीक्षा आयोजित की जा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 1, 2024 1:00 AM

निर्णय. शिक्षा विभाग के एसीएस ने सभी डीइओ को दिशा-निर्देश दिया संवाददाता, पटना राज्य के सभी सरकारी प्रारंभिक व मध्य विद्यालयों में अर्द्धवार्षिक परीक्षा आयोजित की जा रही है. शिक्षा की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए इस परीक्षा के लिए प्रत्येक विद्यालय में वीक्षण का काम दूसरे विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा किया जायेगा. वहीं, उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन भी दूसरे विद्यालय के शिक्षकों द्वारा कराने का निर्णय लिया गया है, ताकि बच्चों के रिजल्ट पर शिक्षकों का मूल्यांकन हो सके. शनिवार को इस संबंध में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को दिशा-निर्देश दिया है, ताकि सभी शिक्षकों को इस निर्देश के संबंध में जल्द- से- जल्द जानकारी मिल जाये. पत्र में कहा गया है कि निर्णय का उद्देश्य यह है कि सभी सरकारी प्रारंभिक एवं मध्य विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों की अर्द्धवार्षिक परीक्षा का रिजल्ट यह दिखलायेगा कि किस विद्यालय के शिक्षक द्वारा दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता कैसी है. रिजल्ट शिक्षकों द्वारा किये जा रहे शिक्षण का मूल्यांकन का आधार उस विद्यालय में पढ़ रहे छात्र- छात्राओं के परीक्षाफल पर निर्धारित करने के लिए शैक्षणिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन तैयार होगा. साथ ही , मूल्यांकन रिपोर्ट शिक्षक के वार्षिक मूल्यांकन प्रतिवेदन में दर्ज करने का निर्णय लिया गया है. इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश अलग से जारी किये जायेंगे. पत्र में कहा गया है कि इस निर्णय के आलोक में सितंबर में सभी सरकारी प्रारंभिक एवं मध्य विद्यालयों में आयोजित की जानेवाली अर्द्धवार्षिक परीक्षा का महत्व छात्र-छात्राओं तथा शिक्षकों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गया है. सभी शिक्षाकों से अपेक्षा की जाती है कि इस वर्ष के अर्द्धवार्षिक परीक्षा का सिलेबस परीक्षा के पूर्व समय पर पूर्ण करेंगे. यदि आवश्यक हो, तो इस कार्य के लिए संबंधित शिक्षक अतिरिक्त कक्षा का भी आयोजन कर सकेंगे, ताकि संबंधित विद्यालय छात्र-छात्राओं इस अर्द्धवार्षिक परीक्षा में अच्छे अंकों से सफल हो. इस व्यवस्था का मुख्य उदेश्य शिक्षा एवं शिक्षण की गुणवत्ता में बेहतर सुधार करना है.

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