बिहार के पर्यावरण मंत्री से पीएम मोदी भी लेते हैं सीख? जानिए ‘चीता’ वाली बात पर क्या बोले तेजप्रताप
जेब्रा के स्पेशल ट्रीटमेंट के लिए पटना जू में तैयार किये गये क्राल का रविवार को वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तेज प्रताप यादव ने उद्घाटन किया. इसके साथ ही उन्होंने पटना जू में आने वाले नये मेहमान हूलोक गिबन केज का शिलान्यास भी किया.
बिहार के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तेज प्रताप यादव ने रविवार को पटना जू में जेब्रा के स्पेशल ट्रीटमेंट के लिए तैयार किये गये क्राल का उद्घाटन किया. इसके साथ ही उन्होंने पटना जू में आने वाले नये मेहमान हूलोक गिबन केज का शिलान्यास भी किया. उन्होंने पूरे विधि-विधान के साथ भूमि पूजन करते हुए ईंट रख कर केज का शिलान्यास किया. मौके पर मंत्री तेज प्रताप ने कहा कि विभाग की ओर से पटना जू के साथ ही शहर के पार्कों की बेहतरी के लिये भी लगातार कार्य किया जा रहा है. भारत में चीता लाने के सवाल पर तेज प्रताप यादव ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि जब से हम पर्यावरण विभाग संभाले हैं तो नरेंद्र मोदी को भी दिमाग में आ गया है कि हमको भी तेज प्रताप की तरह काम करना चाहिए.
पहली बार जेब्रा के लिए क्राल तैयार किया गया
पर्यावरण मंत्री ने इस दौरान चिंपांजी के बाड़े के पास जाकर उसे फल खिलाया. करीब 15 मिनट तक वे चिंपांजी के बाड़े के पास खड़े रहे. इस दौरान जू घूमने आये विजिटर्स की भीड़ ने भी जमकर मस्ती की. पटना जू में पहली बार जेब्रा के लिए क्राल तैयार किया गया है. जेब्रा की स्पेशल ट्रीटमेंंट या फिर मादा जेब्रा की प्रेगनेंसी के दौरान उन्हें क्राल में ही रखा जाता है. फिलहाल पटना जू में तीन जेब्रा है. इनमें बबली पटना जू में अकेले ही रह रही थी.
मैसूर जू से आए हैं जेब्रा
मैसूर जू से नर जेब्रा विक्की और मादा जेब्रा वर्निका के आने के बाद पटना जू के ज़ेबरा को साथी मिल गया है. हालांकि अभी मैसूर जू से लाये गये जेब्रा, वाइल्ड डॉग, गौर और ब्लैक स्वान को क्वारेंटीन में रखा गया है. इन जानवरों को 10 फरवरी को मैसूर जू लाया गया था. 21दिनों की क्वारेंटीन का पीरियड पूरा होने के बाद सभी जानवरों को बाड़े में छोड़ दिया जायेगा जहां दर्शक उनका दीदार कर सकेंगे.
अगले सप्ताह असम जू से आएगी विशेषज्ञों की टीम
असम स्टेट जू से लाये जाने वाले हूलोक गिबन को सेलेक्ट करने के लिए पटना जू से डॉक्टरों व वन प्राणी विशेषज्ञों की टीम असम जू जायेगी. पटना जू में हूलोक गिबन को लाने से पहले केज तैयार करने का करार किया गया था. केज बनने के बाद असम जू से एक नर और एक मादा हूलोक गिबन लाया जायेगा. विशेषज्ञों द्वारा हूलोक गिबन की सेलेक्शन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद उसके ट्रांसपोर्टेशन का प्रोसेस शुरू किया जायेगा. मार्च के अंत तक पटना जू के विजिटर्स को हूलोक गिबन देखने को मिलेगा.