पार्टी में चल रहे विवाद पर राजद नेता तेज प्रताप यादव के मन में इन दिनों क्या-क्या चल रहा है? इसकी झलक सोशल मीडिया पर रविवार को साझा की गयी उनकी एक पोस्ट पर देखी जा सकती है. ट्विटर और सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफॉर्म पर उन्होंने वीर रस की एक कविता पोस्ट की है. यह कविता राष्ट्रकवि दिनकर की रचना ‘रश्मिरथी’ की है.
ऐसे समय जब तेज प्रताप महाभारत के पात्रों के जरिये अपने सियासी विरोधियों पर निशाना साध रहे हैं, उस समय यह कविता विशेष मायने रखती है. उन्होंने इस कविता के साथ कृष्ण के दिव्य स्वरूप वाला फोटो भी अपलोड किया है. विश्लेषकों का कहना है कि इस कविता के जरिये संभवत: उन्होंने मन की बात ही कही है.
कविता की लाइनें कुछ इस प्रकार हैं- ‘मैत्री की राह बताने को, सबको सुमार्ग पर लाने को, दुर्योधन को समझाने को,…पांडव का संदेशा लाये.‘दो न्याय अगर तो आधा दो,पर इसमें भी यदि बाधा हो,हम वही खुशी से खायेंगे, …परिजन पर असि न उठायेंगे!…जब नाश मनुज पर छाता है,पहले विवेक मर जाता है….
बता दें कि लालू परिवार अभी दिल्ली में है. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ,पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, राज्यसभा सांसद मीसा भारती, बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनकी अन्य छह बहनें एनसीआर में ही हैं. तेजस्वी यादव ने रक्षा बंधन पर न केवल पिता लालू प्रसाद और मां राबड़ी देवी का आशीर्वाद लिया, बल्कि सबसे बड़ी बहन मीसा भारती से राखी भी बंधवायी है. उन्होंने उसके फोटो भी सोशल मीडिया पर डाले हैं. वहीं, राजद सुप्रीमो के बड़े बेटे विधायक तेज प्रताप यादव भी दिल्ली में ही हैं. उन्होंने अपनी एक बहन के साथ राखी का फोटो अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर साझा किया है.
हालांकि, देर शाम तक पिता लालू प्रसाद, मां राबड़ी देवी और बहन मीसा भारती के साथ उनकी मौजूदगी सार्वजनिक नहीं हुई थी. दरअसल, तेज प्रताप का फोटो उनके अभिभावक के साथ नहीं आने से तमाम कयास शुरू हो गये. सियासी जानकार इसके विशेष मायने निकाल रहे हैं. जानकारों के मुताबिक कहीं-न-कहीं लालू प्रसाद अपने बड़े बेटे तेज प्रताप से नाराज चल रहे हैं. यह देखते हुए कि तेजस्वी यादव को भी तेज प्रताप ने विवाद में घसीट रखा है, वह परिवार में अलग-थलग पड़ गये हैं.
बात साफ है कि लालू परिवार राजद की सियासत में तेजस्वी को किसी भी सूरत में कमजोर नहीं देखना चाहता है. हालांकि, पार्टी के कुछ एक जानकारों का कहना है कि तेज प्रताप यादव दोपहर बाद तक दिल्ली पहुंचे ही नहीं थे.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan