तेजस्वी यादव की शादी के विरोध में उतरे उनके मामा यानी राबड़ी देवी के भाई साधु यादव को जवाब देने लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव मैदान में कूद गये. तेज प्रताप यादव ने अपने मामा को खुली चुनौती दी है. साधु को कंस बताकर तेज प्रताप यादव ने ये तक कह दिया कि अगर मां का दूध पिया हो तो मैदान में आ जाओ. जबकि लालू परिवार से रिश्तों में खटास की बात के बीच भी तेजप्रताप यादव और साधु यादव में नजदीकी देखी गयी थी. तेज प्रताप की ललकार के बाद मामा साधु यादव ने भांजे को याद दिलाया है कि उन्होंने कब मदद की.
एक समय लालू यादव का राइट हैंड कहे जाने वाले साधु यादव की तूती ही खत्म नहीं हुई बल्कि राजनीतिक जमीन भी तब से खत्म हो गयी जब से लालू-राबड़ी शासनकाल का अंत हुआ है. लालू यादव ने अब तेजस्वी के हाथों में राजद की बागडोर सौंप दी है. एक समय लालू यादव के सबसे करीबी में एक राबड़ी देवी के भाई साधु यादव हुआ करते थे.
साधु यादव ने आज नसीहत तक दे दी कि लालू- राबड़ी अपने बच्चों पर लगाम लगाएं नहीं तो परिणाम बहुत बुरा होगा. जबकि लालू परिवार से रिश्तों में खटास के बीच ही तेज प्रताप की नजदीकी उनके मामा साधु के साथ बीच में भी देखने को मिली थी. जिसके बाद कहा जाता था कि तेज प्रताप आज भी मामा से रिश्ता सही रखे हैं. आज साधु यादव ने भी इस मामले का जिक्र किया है.
दरअसल, ये मामला वर्ष 2018 का है. तेजप्रताप यादव उस समय जनता दरबार लगाते थे. तेज के जनता दरबार में उस समय एक महिला दहेज की शिकायत लेकर आई. तेजप्रताप ने फुलवारी शरीफ थाने में फोन लगाया तो उधर से थानाध्यक्ष ने उन्हें कुछ ऐसा जवाब दिया जिसपर तेज प्रताप गुस्से में आ गये और थाना का घेराव करने का ऐलान कर दिया.
तेजप्रताप अपने समर्थकों के साथ फुलवारी शरीफ थाना पहुंचे तो यहां उनके मामा साधु यादव भी मौजूद दिखे. मीडिया ने तब साधु यादव से सवाल किया था तो उन्होंने बताया कि तेज प्रताप उनका भांजा है. उसने फोन किया था और बुलाया था. इसलिए वो आए हैं. पूरे मामले को जाना और थानाध्यक्ष से मामले पर बात की. गलतफहमी के कारण फोन पर थाना प्रभारी नहीं समझ पाए. मेरा घर पास में ही है. सभी लोग थाने में पहचानते हैं. इसलिए भांजे ने बुलाया तो आए और मामले को सही कराया.
साधु यादव और तेज प्रताप यादव को एकसाथ देख मीडिया के साथ ही लोगों के बीच ये धारणा तब से बनी थी कि भले ही लालू-राबड़ी समेत परिवार के अन्य सदस्यों की साधु यादव से दूरी बन गई है लेकिन तेजप्रताप के संबंध अभी भी अपने मामा से बेहतर हैं. बता दें कि इससे पहले साधु यादव 2014 में राबड़ी देवी के खिलाफ सारण से चुनावी मैदान में उतर चुके थे. जिसके बाद दोनों के बीच रिश्तों की खटास पर पूरी तरह मुहर लग गई थी. अब तेज प्रताप ने जिस तरह साधु यादव को ललकारा है उससे अब यह स्पष्ट हो चुका है कि रिश्तों दरार बड़ी हो चुकी है.
Published By: Thakur Shaktilochan