संपूर्ण क्रांति दिवस के अवसर पर पटना के बापू सभागार में महागठबंधन की ओर से प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में महागठबंधन के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए हालांकि कांग्रेस का कोई भी नेता मौजूद नहीं था.
इस कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि मेरे पिता परिवार वादी होते तो अभी तक भाजपा से समझौता कर चुके होते और मैं बिहार का मुख्यमंत्री होता. लेकिन हमने भाजपा से समझौता नहीं किया. दरअसल राजद को आम लोगों की चिंता है. राज्य का हित राजद की प्राथमिकता में हैं. यही वजह है कि लालू प्रसाद अभी भी फासिस्ट ताकतों और सहयोगी लोगों से लड़ने की बात कर रहे हैं. तेजस्वी यादव ने यह बात संपूर्ण क्रांति दिवस के अवसर बापू सभागार में आयोजित महागठबंधन के प्रतिनिधि सम्मेलन में कही.
इस दौरान महागठबंधन नेताओं ने ‘एनडीए सरकार के खिलाफ महागठबंधन का आरोप पत्र’ (रिपोर्ट कार्ड ) भी जारी किया. महागठबंधन की ओर से घोषणा की गयी कि सात अगस्त को पूरे प्रदेश में एक साथ एनडीए सरकार के खिलाफ धरना और प्रदर्शन किया जायेगा.
तेजस्वी यादव ने उद्बोधन में कहा कि महागठबंधन ने मिल कर जातीय गणना पर राज्य सरकार को झुकाया. कुल मिलाकर झुकाने वाला होना चाहिए. हमें सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ गोलबंद होने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देश के सभी बड़े पदों पर हिंदू हैं. ऐसे हिंदू खतरे में कैसे हाे सकता है? सही मायने में उनकी कुर्सी खतरे में है. इसलिए वह लोग भ्रामक प्रचार करते हैं. कहा कि मुख्यमंत्री भाजपा के दबाव में है. यही वजह है कि भाजपा के एक विधायक के मुस्लिम विरोधी बयान पर उन्होंने अभी तक चुप्पी साध रखी है.
तेजस्वी यादव के उद्बोधन से ठीक पहले एक वीडियो संदेश के जरिये लालू प्रसाद ने लोक नायक जय प्रकाश को याद करते हुए लोगों से आह्वान किया कि सांप्रदायिक शक्तियों, महंगाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करें. फिरकापरस्त ताकतें आपसी भाई चारे तो तोड़ना चाहती हैं. देश सिविल वार की तरफ बढ़ रहा है.