जातीय जनगणना पर बिहार की सियासत गरमायी हुई है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आज बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे. सीएम नीतीश कुमार ने उन्हें आज मुलाकात का समय दिया था. तेजस्वी यादव और सीएम नीतीश कुमार ने करीब 45 मिनट तक बातचीत किये. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जातीय जनगणना पर उन्हें सीएम ने भरोसा दिया है. उनसे मुलाकात के पहले तेजस्वी यादव ने कहा कि वो हर कीमत पर बिहार में जातीय जनगणना चाहते हैं और इसे पूरा होने तक वो प्रयास जारी रखेंगे.
जातीय जनगणना को लेकर बिहार में फिर एकबार माहौल गरम है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मंगलवार को इसे लेकर प्रेस कांफ्रेंस किया था. उन्होंने इस मुद्दे पर अब किसी भी तरह के विलंब को अस्वीकार करते हुए सरकार को 48 से 72 घंटे तक का अल्टीमेटम भी दे दिया था. तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की इच्छा जाहिर की थी. साथ ही इस बात का जिक्र भी किया था कि वो विधिवत तरीके से सीएम से मुलाकात का समय मांगेंगे. लेकिन अब अगर जातीय जनगणना पर बात नहीं बनी तो सड़क पर उतरेंगे.
इससे पहले तेजस्वी यादव ने कहा था कि अब बात नहीं बनने पर बिहार से दिल्ली तक की पदयात्रा की जाएगी. उनके पदयात्रा पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि वो इसका विरोध नहीं करेंगे. उधर जातीय जनगणना के मुद्दे पर वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी और हम पार्टी के नेता जीतन राम मांझी के भी तेवर सख्त दिखे. सहनी ने तेजस्वी को इस मुद्दे पर साथ देने की बात कही.
गौरतलब है कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर सोमवार को सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार इसे नहीं करेगी. लेकिन राज्य सरकारों को इसकी अनुमति दी गयी है. बिहार में हम पहले सब लोगों की राय लेंगे, तभी आगे काम करेंगे. इस पर मीटिंग करेंगे, तो और लोगों का आइडिया भी पता चलेगा. सीएम ने कहा कि बीच में चुनाव आ गया और फिर इसे लेकर बातचीत नहीं हुई. बीच में कोरोना बढ़ गया, फिर इधर कोरोना का खतरा है. बिहार में जब यह होगी, तो पूरे तौर पर होगी. उसके लिए सब पार्टियों की मीटिंग होगी.