तेजस्वी यादव ने UPSC लैटरल एंट्री पर उठाए सवाल, कहा- पिछड़ों के हक पर डाला जा रहा डाका
यूपीएससी ने लैटरल एंट्री के जरिए 45 पदों पर सीधी भर्ती निकाली है. जिस पर बिहार में राजनीति शुरू हो गई. तेजस्वी यादव ने इस नियुक्ति को लेकर सवाल खड़े करते हुए केंद्र सरकार पर संविधान और आरक्षण के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है
Bihar Politics: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राजद नेता तेजस्वी यादव ने केंद्र की मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर के लिखे संविधान और आरक्षण के साथ कैसा घिनौना मजाक एवं खिलवाड़ कर रही है. उनका कहना है कि हाल ही में UPSC ने लैटरल एंट्री के जरिए सीधे 45 संयुक्त सचिव, उप-सचिव और निदेशक स्तर की नौकरियां निकाली है लेकिन इनमें आरक्षण का प्रावधान नहीं है.
आरक्षण मिलता तो पिछड़े और दलित वर्ग से 22-23 अभ्यर्थी होते चयनित
तेजस्वी यादव ने यूपीएससी के इस विज्ञापन पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि अगर ये 45 आईएएस की नियुक्तियां UPSC सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से होती तो एससी/एसटी और ओबीसी को आरक्षण का फायदा मिलता. उन्होंने अनुमान लगाया कि आरक्षण मिलने पर 45 में से 22-23 अभ्यर्थी दलित, पिछड़ा और आदिवासी वर्गों से चयनित होते.
शातिराना तरीके से आरक्षण समाप्त कर रही सरकार -तेजस्वी यादव
राजद नेता ने मोदी सरकार पर आरोप लगते हुए कहा कि यह सरकार बहुत ही व्यवस्थित, पद्धतिबद्ध, योजनाबद्ध और शातिराना तरीके से आरक्षण को समाप्त कर रही है. उन्होंने कहा कि विगत चुनाव में प्रधानमंत्री समेत बिहार में उनकी सहयोगी पार्टियां और उनके नेता छाती पीट-पीटकर दावा करते थे कि आरक्षण को समाप्त कर कोई उनका हक-अधिकार नहीं खा सकता लेकिन आज उनके समर्थन व सहयोग से वंचित, उपेक्षित और गरीब वर्गों के अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है.
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तेजस्वी यादव ने कहा कि देश की 90 प्रतिशत आबादी के अधिकारों को हड़पने वालों को जनता माफ नहीं करेगी. उन्होंने दलित-ओबीसी-आदिवासी और गरीब सामान्य वर्ग के लोगों को जागरूक होने को कहा और आरोप लगाया कि उनके अधिकारों का दुरुपयोग किया जा रहा है.