पटना. बिहार में सीबीआई की एंट्री बंद किये जाने पर डिप्टी सीएम तेजस्वी ने अपनी सफाई दी है. उन्होंने कहा है कि उन्हें सीबीआई की रेड से कोई आपत्ति नहीं है, बल्कि एजेंसी के पॉलिटिकल कैरेक्टर से हमारा विरोध है. जिस तरह भाजपा के इशारे पर ये एजेंसियां काम कर रही हैं, हम केवल उसका विरोध कर रहे हैं. वहीं, तेजस्वी ने इस बात को लेकर भी सवाल किया कि पिछले आठ वर्षों में भाजपा के किसी भी एमपी या विधायक के ठिकानों पर रेड नहीं पड़ी है.
तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर लिखा है- ‘केंद्र सरकार ने बीते 8 वर्ष में जांच एजेंसियों को राजनीतिक प्रतिशोध का एक उपकरण बना दिया है. 8 साल पूर्व देशवासियों ने इनकी इंटेग्रिटी व कार्यप्रणाली पर इस तरह के सवाल कभी नहीं उठाए थे. अभी हमारा सीबीआइ से विरोध संस्था से नहीं बल्कि इनकी राजनीति से प्रेरित कार्यप्रणाली से है.
केंद्र सरकार ने बीते 8 वर्ष में जांच एजेंसियों को राजनीतिक प्रतिशोध का एक उपकरण बना दिया है। 8 साल पूर्व देशवासियों ने इनकी इंटेग्रिटी व कार्यप्रणाली पर इस तरह के सवाल कभी नहीं उठाए थे। अभी हमारा CBI से विरोध Institution से नहीं बल्कि इनकी राजनीति से प्रेरित कार्यप्रणाली से है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 31, 2022
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जांच एजेंसियां केवल व केवल विपक्ष शासित राज्य और वहाँ के नेताओं पर ‘छापे मारकर’ अपने राजनीतिक मालिकों को प्रसन्न करने की कोशिश करती है. भाजपा के लगभग 300 से ऊपर सासंद और 1000 से अधिक विधायकों पर इन एजेंसियों द्वारा आज तक कोई रेड नहीं पड़ी. इसलिए इनके राजनीतिक चरित्र से हमारा विरोध है.’
डिप्टी सीएम ने आगे कहा है, ‘बीते 8 वर्षों में विपक्ष के कई नेताओं पर इसी आइटी/इडी/सीबीआई के माध्यम से छापे पड़े. ढेर सारे आरोप तय हुए, गोदी मीडिया के माध्यम से चरित्रहनन हुआ, लेकिन जैसे ही उन कथित भ्रष्ट विपक्षी नेताओं ने भाजपा ज्वाइन की वो पवित्रता का प्रमाण पत्र पा गये. कोई मंत्री बन गया तो कोई मुख्यमंत्री बन गया.’