पटना के झुग्गी-झोपड़ी और स्लम में रहने वाले लोगों को मिलेगा पक्का मकान, तेजस्वी यादव ने किया ऐलान
तेजस्वी यादव ने कहा कि पटना कि सड़क, फुटपाथ, सीवरेज और पार्क के किनारे रहने वाले लोगों के लिए 48 हजार मकानों का निर्माण किया जा रहा है. जो गरीबों को दिया जाएगा. इससे पहले लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में भी अतिक्रमण हटाने के दौरान लोगों को रहने के लिए मकान की व्यवस्था की जाती थी.
बिहार के उपमुख्यमंत्री और नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री तेजस्वी यादव ने गुरुवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि सड़क, फुटपाथ, सीवरेज और पार्क के किनारे झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों को हटाने से पहले सरकार उनके रहने की व्यवस्था करेगी. इनकी संख्या जानने के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर सर्वे करवाया गया है. सर्वे में ऐसे लोगों की संख्या 48 हजार बताई गयी है. जिसके लिए 48 हजार मकानों का निर्माण किया जा रहा है. जो गरीबों को दिया जाएगा. इससे पहले लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में भी अतिक्रमण हटाने के दौरान लोगों को रहने के लिए मकान की व्यवस्था की जाती थी. जिसकी वजह से अतिक्रमण हटाने के दौरान कर्मचारियों को लोगों के विरोध का सामान नहीं करना पड़ता था.
नवंबर में 76 करोड़ की राशि हुई थी आवंटित
ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि सामान्य मद में बिहार को भारत सरकार से तीन हजार करोड़ रुपये मिलना अभी बाकी है. राज्य सरकार द्वारा जारी बजट 2022-23 में ग्रामीण क्षेत्र के गृह विहीन गरीब के लिए खर्च किया जाएगा. सरकार उन्हें आवास सहायता प्रदान कर पक्के मकान उपलब्ध कराएगी. वहीं इससे पहले नवंबर में ग्रामीण विकास विभाग ने आवास निर्माण को पूरा करने के लिए 76 करोड़ 33 लाख की धनराशि जिलों को आवंटित की थी.
अतिक्रमण को हटाने के लिए अब 15 दिन पहले देना होगा नोटिस
बिहार के किसी भी नगरपालिका क्षेत्र में अब सभी तरह के स्थायी अतिक्रमण को हटाने के लिए 15 दिन पहले नोटिस जारी करना होगा. इसका अधिकार नगरपालिका पदाधिकारी या प्राधिकृत पदाधिकारी को होगा. हालांकि किसी अस्थायी अतिक्रमण को नगरपालिका पदाधिकारी 24 घंटे की नोटिस देकर हटा सकेंगे. सिर्फ स्थायी अतिक्रमण को हटाने के लिए यह नई व्यवस्था लागू होगी. इस नये प्रावधान को लागू करने से संबंधित विधेयक की प्रति बुधवार को विधानमंडल में वितरित की गई.
नगरपालिका अधिनियम 2007 में संशोधन किया जाना है
बिहार विधानसभा में चल रहे शीतकालीन सत्र में बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 में संशोधन किया जाना है. इसके अनुसार, स्थायी अतिक्रमण हटाने के लिए नगरपालिका पदाधिकारी के स्तर से संबंधित अतिक्रमण कर्ता को नोटिस देने के बाद उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए कुछ दिनों का समय दिया जाएगा. प्राधिकृत पदाधिकारी को कारण समेत संतुष्ट करना होगा. संतुष्ट नहीं करने की स्थिति में संबंधित अतिक्रमण को तोड़ दिया जायेगा. साथ ही, संबंधित व्यक्ति से अतिक्रमण हटाने में होने वाले खर्च की वसूली भी की जायेगी. इस दंड या जुर्माना की वसूली नहीं होने की स्थिति में ऐसे अतिक्रमण करने वालों से होल्डिंग की बकायी राशि के रूप में वसूली की जायेगी.