बिहार की राजनीति एकबार फिर गरमायी हुई है. इसबार सुर्खियों में हैं चुनावी रनणीतिकार प्रशांत किशोर. जिन्होंने हाल में ही पटना में एक प्रेस कांफ्रेंस करके सियासी गर्मी बढ़ा दी है. जनसुराज के बहाने प्रशांत किशोर ने सूबे में नये समाजिक आंदोलन का तानाबाना बुना. वहीं बिहार में एक नयी राजनीति शुरू होने की आहट भी देखी गयी. ऐसा माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर प्रदेश की राजनीति में एंट्री लेंगे. जिसपर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की भी प्रतिक्रिया सामने आयी है.
प्रशांत किशोर ने राजनीति में कदम रखने का एक संकेत दिया है. जनसुराज की बात करते हुए सामाजिक आंदोलन की बात कही है. जेपी के आंदोलन की बात करते हुए पीके ने साफ किया है कि वो अब चुनावी रनणीतिकार के चोले से बाहर आएंगे. दो अक्टूबर से बिहार में तीन हजार किलोमीटर की पदयात्रा करने की बात भी पीके ने की. लालू-राबड़ी सरकार के साथ-साथ प्रशांत किशोर ने वर्तमान एनडीए सरकार पर भी हमला किया.
बिहार की राजनीति में एक नये अध्याय की आहट महसूस की जाने लगी तो नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. बिहार की राजनीति को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि यहां पीके यानी प्रशांत किशोर कभी कोई फैक्टर नहीं रहे हैं. प्रशांत किशोर से जुड़े सवाल को तेजस्वी यादव टालते दिखे. लेकिन प्रशांत किशोर ने प्रेस कांफ्रेंस में जिस सीएए के मुद्दे को उठाया था उसे लेकर तेजस्वी ने जदयू पर हमला बोलते हुए कहा कि सीएए का हमने संसद में भी विरोध किया. तेजस्वी शनिवार को दिल्ली से पटना लौटे और एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए ये कहा.
बता दें कि हाल में ही प्रशांत किशोर ने पटना में एक प्रेस कांफ्रेंस किया. लालू यादव व नीतीश कुमार के शासनकाल पर हमला बोलते हुए उन्होंने बिहार में पदयात्रा और आंदोलन की बात कही. नये राजनीतिक दल बनाने की अटकलों को उन्होंने खारिज जरुर किया लेकिन साथ में यह भी कहा कि फिलहाल ऐसा कोई इरादा नहीं है लेकिन लोगों से मिलने के बाद सहमति बनी तो इसपर विचार जरुर करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर पार्टी बनी तो ये मेरी नहीं बल्कि सबकी होगी.
Posted By: Thakur Shaktilochan