पटना. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) ने शनिवार को माओवादी वित्त पोषण मामले में बिहार, झारखंड, आंध्रप्रदेश और ओड़िशा में 26 स्थानों पर छापेमारी की, जिनमें बिहार के जहानाबाद, पटना ग्रामीण, अरवल, नालंदा, गया, नवादा, औरंगाबाद, झारखंड का कोडरमा, ओड़िशा का भुवनेश्वर और आंध्रप्रदेश का नल्लौर शामिल है. केंद्रीय जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा कि यह छापेमारी बिहार के मगध रेंज में माओवादी संगठन को खड़ा करने के लिए किये जा रहे टेरर फंडिंग मामले से जुड़ा है, इसलिए इस मामले में आरोपित माओवादियों व उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर एक साथ धावा बोला गया.
छापेमारी में एनआइए की टीम का बिहार एसटीएफ, सीआरपीएफ व लोकल पुलिस ने सहयोग किया. इस मामले में प्राथमिकी के बाद एनआइए ने यह कार्रवाई की है. मिले दस्तावेजों की फिलहाल पड़ताल की जा रही है. एनआइए के मुताबिक, बिहार के मगध क्षेत्र में भाकपा माओवादी के कैडर को बढ़ाने के लिए विभिन्न जेलों में बंद नक्सलियों, सक्रिय सदस्यों से संपर्क किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार, हथियार और गोला-बारूद की खरीद भी की जा रही है.
एनआइए ने अरवल जिले के करपी प्रखंड क्षेत्र की परियारी पंचायत के निरखपुर गांव में मुखिया हेमंती देवी के घर ने सुबह पांच बजे से दोपहर एक बजे तक छापेमारी की. सूत्रों के अनुसार मुखिया के निजी बॉडीगार्ड के पास से एक लाइसेंसी राइफल व एक देसी कट्टा और 14 कारतूस बरामद किये गये हैं. वहीं टीम विभिन्न तरह के कागजात और कई बैंक खातों की पासबुक अपने साथ लेते गये. टीम गार्ड को भी पूछताछ के लिए लेते गयी. मुखियापति आनंदी पासवान ने बताया कि मुझ पर पहले भी दो बार हमला हुआ था, इसीलिए सेना के एक रिटायर्ड जवान को बॉडीगार्ड के रूप में रखा था.