पटना शहर के प्रमुख सड़कों, चौराहों और गोलंबर पर ऑटो रिक्शा का आतंक दिखता है. सुबह से लेकर देर शाम तक मुख्य सड़क पर ही ऑटो चालक अपने वाहन लगाये रहते हैं. इसके कारण कई जगह सड़कें इतनी संकरी हो जाती हैं कि वाहनों का आना जाना भी मुश्किल हो जाता है. पटना जंक्शन गोलंबर, कारगिल चौक, जीपीओ गोलंबर जैसे प्रमुख चौराहों पर तो इसके कारण हर दिन जाम लगता है. इससे आने जाने वाले लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है और उनका समय खराब होता है. लेकिन न तो ट्रैफिक पुलिस इनकी मनमानी पर रोक लगाने का प्रयास करती दिखती है और न ही बीच सड़क पर या नो पार्किंग एरिया में वाहन खड़े करने पर इन पर कभी जुर्माना किया जाता है.
ऑटो चालकों की मनमानी का आलम यह है कि जहां मन हो, वे वहीं वाहन रोक देते हैं. कई बार तो पैंसेंजर उठाने की हड़बड़ी में वे बीच सड़क पर भी ऑटो रोक देते हैं और यह भी परवाह नहीं करते कि इससे उनके पीछे से आने वाले वाहन उनसे टकरा जायेंगे. कई बार तो इसकी वजह से दुर्घटना भी हो चुकी है.
पटना शहर की सड़क पर 32 हजार ऑटो हर रोज दौड़ते हैं. इसमें 25 हजार सीएनजी ऑटो हैं जिनमें 22 हजार नये सीएनजी ऑटो जबकि तीन हजार सीएनजी किट लगाकर पेट्रोल से रुपांतरित सीएनजी ऑटो रिक्शा हैं. पांच हजार पेट्रोल आॅटो हैं. दो हजार डीजल आॅटो हैं. इनको पटना नगर निगम क्षेत्र, दानापुर या फुलवारी नगर परिषद क्षेत्र में चलने की अनुमति नहीं है. फिर भी ये चोरी-छिपे दौड़ रहे हैं.
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पटना शहर में इन दिनों 33 जगह पर ऑटो रिक्शा नियमित रुप से रुकते और यात्रियों को उठाते हैं. लेकिन इनमें से 11 को ही स्टैंड के रुप में अधिसूचित किया गया है. बाकी 22 ऑटो स्टैंड गोलंबर या प्रमुख सड़कों के किनारे ही चल रहे हैं. जिन 11 ऑटो स्टैंड को नगर निगम ने अधिसूचित किया है, उनमें भी केवल तीन इन दिनों चालू हैं जहां ऑटो रिक्शा को लगाने की जगह है. इनमें पटना जंक्शन का टाटा पार्क ऑटो स्टैंड, मल्टी लेवल पार्किंग और जीपीओ गोलंबर पार्किंग शामिल हैं. इनमें भी मल्टी लेवल पार्किंग में भीतर जगह खाली होने के बावजूद ऑटो चालक उसके गेट के पास से यात्री उठाते हैं जिससे वहां हमेशा जाम लगा रहता है.
सीएनजी ऑटो- 25 हजार
पेट्रोल आॅटो- पांच हजार
डीजल आॅटो- दो हजार
कुल- 32 हजार