आतंकी के हाथों मारे गये बिहार के अरविंद कुमार का शव पहुंचेगा घर, आर्थिक मदद भी करेगा जम्मू-कश्मीर प्रशासन

आतंकियों के द्वारा श्रीनगर में शनिवार को मारे गये बिहार निवासी अरविंद कुमार साह का शव आज उनके गांव भेजा जा रहा है. जम्मू कश्मीर प्रशासन ने आर्थिक मदद की भी बात कही है. पीड़ित परिवार को बिहार सरकार भी आर्थिक मदद करेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2021 1:43 PM

श्रीनगर में आतंकियों की गोली का शिकार बने बिहार के बांका निवासी अरविंद कुमार का शव आज उनके घर पहुंचेगा. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सारी तैयारी कर ली है. वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू कश्मीर के गवर्नर ने मृतक के परिजनों को 11.25 लाख रुपया मुआवजा देने की घोषणा की है. वहीं बिहार सरकार ने भी परिजनों को दो लाख रुपये आर्थिक मदद की घोषणा की है.

शनिवार को श्रीनगर के ईदगाह मैदान इलाके में बिहार के बांका के अरविंद कुमार साह की हत्या आतंकियों ने गोली मारकर कर दी. आज रविवार को उनका शव बिहार भेजा जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू कश्मीर प्रशासन ने उनके शव को बांका स्थित मृतक के घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की है. खबर लिखे जाने के समय अरविंद कुमार का शव श्रीनगर के एयरपोर्ट पर ही होने की बात बताई गई है.

आतंकियों के द्वारा गोली मारे जाने पर अपनी जान गंवाने वाले अरविंद कुमार के घर में मातम पसरा है. पूरे इलाके में लोगों के अंदर आक्रोश है. वहीं परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अरविंद कुमार साह की हत्या को दुखद बताते हुए मृतक के निकटतम आश्रित को मुख्यमंत्री राहत कोष से दो लाख रुपये देने की घोषणा की है.साथ ही श्रम संसाधन विभाग एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से नियमानुसार अन्य लाभ दिलाने का अधिकारियों को निर्देशित किया है. पीड़ित परिवार 50 लाख रुपये और एक नौकरी की मांग कर रहा है.

Also Read: दशहरा पर बिहार में नरबलि, तांत्रिक पत्नी के इशारे पर दुर्गा मंदिर में छात्र को काटा, बेटा भी अपराध में शामिल

श्रीनगर में हुये आतंकी हमले में बिहार के बांका जिला के बाराहाट प्रखंड के रहने वाले जिस अरविंद कुमार साह की हत्या हुई है वो श्रीनगर में गोलगप्पा बेचते थे. कुछ दिनों पहले भी आतंकियों ने एक बिहार निवासी की हत्या की थी. बिहार के भागलपुर जिला के रहने वाले वीरेंद्र कुमार की हत्या पिछले दिनों 8 अक्टूबर को हुई थी. वीरेंद्र कुमार भी गोलगप्पा ही बेचते थे. उनका शव भी अपने घर नहीं पहुंच सका था. आर्थिक हालत खराब होने के कारण वीरेंद्र कुमार का दाह संस्कार मजबूरन श्रीनगर में ही कराया गया था.

Published By: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version