बिहार में बंद चीनी मिल की जगह खुलेंगी कपड़ा मिल, उद्योगपतियों को बिहार आने पर रेड कार्पेट वेल्कम
बिहार उद्योग विभाग में टेक्सटाइल उद्योग के विकास और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए नीतिगत बदलाव करने जा रही है. राज्य में बंद पड़ी चीनी मिल की जगह अब उद्योग विभाग कपड़ा मिल खोलने जा रहा है.
बिहार में अब बंद पड़ी चीनी मिलों के जमीन का उपयोग कपड़ा मिल खोलने के लिए किया जाएगा. राज्य में बंद पड़ी चीनी मिलों की 2800 एकड़ जमीन को उद्योग विभाग को ट्रांसफर कर दिया गया है. शाहनवाज हुसैन ने बताया की ट्रांसफर की गई जमीन में से 1719 एकड़ जमीन मेगा टेक्सटाइल पार्क में मिल गई है. लॉजिस्टिक पार्क में लगभग 1700 एकड़ से ज्यादा जमीन गया में मिल गई है. मधेपुरा में 173 एकड़ जमीन ऑफर हुई है. खगड़िया में 100 एकड़ जमीन ऑफर हुई है.
उद्योग विभाग को 2800 एकड़ जमीन
शाहनवाज ने कहा कि हमारे पास पर्याप्त जमीन है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बंद चीनी मिलों की व अन्य 2800 एकड़ जमीन उद्योग विभाग को दी है. उन्होंने कहा कि हमारा इरादा है कि बिहार आने वाली टेक्सटाइल कंपनियों को प्लग एंड प्ले सुविधाओं के साथ जमीन या जगह उपलब्ध करायी जाए ताकि उद्योगों की स्थापना तेज गति से हो. उन्होंने कहा कि बिहार की सबसे बड़ी ताकत इसकी प्रशिक्षित श्रम शक्ति है.
कम पूंजी में ज्यादा लोगों को रोजगार
शाहनवाज ने कहा कि तिरुपुर, सूरत, अहमदाबाद, मुंबई, चंडीगढ़ समेत देश के तमाम टेक्सटाइल कंपनियों में ज्यादातर कुशल या अर्धकुशल कामगार बिहार के ही हैं, इसलिए बिहार में टेक्सटाइल और लेदर उद्योग की सफलता की गारंटी सबसे ज्यादा है. ऐसे भी इस सेक्टर में कम पूंजी में ज्यादा लोगों को रोजगार मिलता है.
उद्योगपतियों को बिहार आने पर रेड कार्पेट वेल्कम
शाहनवाज हुसैन ने ये भी कहा कि पॉलिसी के जरिए प्रोत्साहित करने के अलावा हम देश भर के उद्योगपतियों को बिहार आने पर रेड कार्पेट वेल्कम भी देंगे. उन्होंने कहा कि हम ईज ऑफ डूईंग बिजनेस पर बहुत काम कर रहे हैं. हमने महीनों, हफ्तों या दिनों में नहीं बल्कि घंटों में जमीन आवंटन से लेकर अन्य कई तरह की प्रक्रियाएँ पूरी कर रहे हैं.
बिहार में उद्योग और रोजगार
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि हमारा उद्योग विभाग भी दिन रात काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि हम सब ने मिलकर ठान ली है कि बिहार में उद्योग और रोजगार का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना पूरा होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा औद्योगिक बिहार देखना चाहते हैं, वो हकीकत में तबदील होगा.