Loading election data...

पटना के बाद अब चार अन्य जिलों में खुलेगा थैलेसीमिया डे केयर सेंटर, स्मार्ट कार्ड के जरिये बच्चों को हर महीने मिलेगा रक्त

बिहार में थैलेसीमिया बिमारी से पीड़ित बच्चों के इलाज को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. पटना पीएमसीएच के बाद अब मुजफ्फरपुर में भी डे केयर सेंटर खोले जाने की तैयारी है. पीएमसीएच के बाद यह बिहार का दूसरा सेंटर होगा. यहां इस बीमारी से ग्रसित बच्चों का समेकित उपचार किया जाएगा. जिसके बाद अब मुजफ्फरपुर में एक छत के नीचे थैलेसीमिया रोगियों को परामर्श, काउंसिलिंग, जांच के अलावा ब्लड और फैक्टर 8 व 9 ट्रांसफ्यूजन की सुविधा मिल सकेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 15, 2021 7:19 AM

बिहार में थैलेसीमिया बिमारी से पीड़ित बच्चों के इलाज को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. पटना पीएमसीएच के बाद अब मुजफ्फरपुर में भी डे केयर सेंटर खोले जाने की तैयारी है. पीएमसीएच के बाद यह बिहार का दूसरा सेंटर होगा. यहां इस बीमारी से ग्रसित बच्चों का समेकित उपचार किया जाएगा. जिसके बाद अब मुजफ्फरपुर में एक छत के नीचे थैलेसीमिया रोगियों को परामर्श, काउंसिलिंग, जांच के अलावा ब्लड और फैक्टर 8 व 9 ट्रांसफ्यूजन की सुविधा मिल सकेगी.

दरअसल, पीएमसीएच में पिछले साल खोले गए डे केयर सेंटर का मंगलवार को वर्षगांठ था. इस कार्यक्रम में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मौजूद थे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने इस बात की जानकारी दी है कि अब प्रदेश का दूसरा डे केयर सेंटर मुजफ्फरपुर में खुलेगा.इसकी शुरुआत अगले महीने की जाएगी. उन्होंने बताया कि मुजफ्फरपुर के बाद भागलपुर, पूर्णिया और गया के मेडिकल कॉलेज में भी डे केयर सेंटर खोले जाएंगे. जहां थैलेसीमिया बिमारी से पीड़ित बच्चों का समेकित इलाज किया जा सकेगा.

बता दें कि इस सेंटर का मुख्य उद्देश्य थैलेसीमिया रोग से ग्रसित बच्चों के बेहतर इलाज, देखभाल और परामर्श देना होता है. थैलेसीमिया एक ऐसा रोग है, जो जन्म से ही बच्चे को अपनी गिरफ्त में ले लेता है. यह रोग एक तरह का रक्त विकार है. पैदा होने के बाद नवजात के शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन सही तरीके से नहीं हो पाता है और इन कोशिकाओं की आयु भी बहुत कम हो जाती है. जिसके बाद उस बच्चे को हर साल 12 से 14 यूनिट खून चढ़ाने की जरुरत आ जाती है. इसके लिए हर महीने एक यूनिट रक्त एक बीमार बच्चे के लिए उपलब्ध कराना जरुरी हो जाता है.

Also Read: Sputnik v Vaccine: बिहार में रुसी वैक्सीन स्पूतनिक का इंतजार खत्म, आज प्रदेश में आएंगी 50 हजार डोज, जानिए कैसे ले सकेंगे टीका

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, थैलेसीमिया रोग से ग्रसित बच्चों को हर महीने रक्त की जरुरत होती है. इसके अभाव में बीमार की मौत भी हो सकती है. रक्त कोष से उन्हें आसानी से रक्त उपलब्ध हो जाए, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग तैयारी भी कर रहा है. उन बीमार बच्चों के लिए स्मार्ट कार्ड तैयार करने की योजना बन रही है. जिसके बाद कार्ड के जरिये बिना परेशानी के ब्लड लिया जा सकेगा.

POSTED BY: Thakur Shaktilocha

Next Article

Exit mobile version