विश्व पर्यटन के मानचित्र में शामिल होगा बिहार का यह मंदिर, जानिए इससे जुड़ी रोचक कहानी…

मां थावेवाली को सिंहासिनी भवानी, थावे भवानी और रहषु भवानी के नाम से भी भक्तजन पुकारते हैं. ऐसे तो सालों भर यहा मां के भक्त आते हैं, लेकिन शारदीय नवरात्र और चैत्र नवारात्र के समय यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2023 11:07 PM

संजय कुमार अभय, गोपालगंज

शक्तिपीठों में शामिल थावे मां सिंहासनी का दरबार विश्व पर्यटन के मनचित्र में शामिल होगा. बिहार के प्रमुख शक्तिपीठ थावे का स्वरूप बदलने का काम शुरू हो गया है. इसकी तैयारी पर्यटन विभाग जुटा है. थावे मंदिर को दिव्य व भव्य बनाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से भेजे गये 110 करोड़ की डीपीआर को मंजूरी दी है. पर्यटन विभाग इसके निर्माण के लिए पहले फेज में 75 करोड़ की राशि आंवटित कर दी हे.

अब टेंडर का इंतजार है. टेंडर होने के साथ ही थावे मंदिर को पर्यटन क्षेत्र में विकसित करने का काम तेज हो जायेगा. डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने मंदिर को देश के पर्यटन के नक्शा पर स्थापित करने के लिए पूरी तन्मयता से होमवर्क तैयार करने के बाद डीपीआर तैयार कराये. डिप्टी सीएम बनने के बाद तेजस्वी यादव ने थावे मां के दर्शन किये थे. डिप्टी सीएम मंदिर को विश्वस्तरीय बनाने के लिए हर संभव कोशिश में है. अब डीएम हर सप्ताह इसकी समीक्षा कर रहे.

पर्यटकों को आकर्षित करेगा नया स्वरूप

थावे में पार्किंग, मेला ग्राउंड, छह-सात दुकानों का ब्लॉक, हनुमान मंदिर, विवाह भवन, वन एरिया, पार्किंग 2, पुलिस कंट्रोल रूम, मेन दुर्गा मंदिर, वीआइपी पार्किंग, गेस्ट हाउस पौड- 1. एमपी थियेटर, म्यूजियम, टॉयलेट कॉम्प्लेक्स, प्राइवेट प्रपेटी, ब्लॉक ऑफिस, ओल्ड बिल्डिंग, दुकानें, गोलंबर, दुकानें, यात्री निवास-1, रहषु मंदिर, यात्री निवास- 2 तालाब, तालाब पर ब्रिज, जंगल एरिया बच्चों के खेलने के लिए ग्राउंड, इको पार्क, ऑक्सीजन युक्त पार्क बनाने की डीपीआर बनी है. डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने बताया कि थावे को एक दिव्य स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सरकार ने प्रोजेक्ट को मंजूर कर लिया है. पहले फेज का राशि आंवटित है. 15 अगस्त तक यहां टेंडर पूरा होने के आसार हैं. खुद डिप्टी सीएम के स्तरपर इसका मॉनीटरिंग हो रही है.

कमाख्या से चलकर हां आयी थी मां

बिहार के गोपालगंज में स्थित शक्तिपीठों में शामिल थावे की मां सिंहासनी की मंदिर विश्व पर्यटन के मनचित्र में शामिल होगा. यह मंदिर गोपालगंज से 6 किलोमीटर दूर सीवान जाने वाले मार्ग पर थावे नाम का एक स्थान पर है.जहां मां थावेवाली का एक प्राचीन मंदिर है. मां थावेवाली को सिंहासिनी भवानी, थावे भवानी और रहषु भवानी के नाम से भी भक्तजन पुकारते हैं. ऐसे तो सालों भर यहा मां के भक्त आते हैं, लेकिन शारदीय नवरात्र और चैत्र नवारात्र के समय यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है. ऐसी मान्यता है कि यहां मां अपने भक्त रहषु भगत के बुलावे पर असम के कमाख्या स्थान से चलकर आयी थी. ऐसा कहा जाता है कि मां कमाख्या से चलकर कोलकाता फिर पटना, आमी के रास्ते थावे पहुंची थीं और रहषु के मस्तक को विभाजित करते हुए साक्षात दर्शन दीं थी.

यह एक सिद्धपीठ स्थान है. इस मंदिर के पीछे एक प्राचीन कहानी है.पौराणिक कथाओं के अनुसार हथुआ के राजा राजा मनन सिंह हुआ करते थे.अपने आपको वे मां दुर्गा का सबसे बड़ा भक्त मानते थे. इसका उन्हें गर्व भी था. इसी कारण वे अपने सामने किसी को भी मां का भक्त नहीं मानते थे.उनके ही कार्यकाल में राज्य में अकाल पड़ गया. जनता खाना खाने के लिए तरसने लगी. थावे में कमाख्या देवी मां का एक सच्चा भक्त रहषु रहा करता था. पौराणिक कथा के अनुसार रहषु मां की कृपा से दिन में घास काटता.

रात में उसके गास से अन्न निकल जाता था. जिस कारण वहां के लोगों को अन्न मिलने लगा.इस बात की सूचना राजा को मिली. लेकिन,राजा के इस चमत्कार पर विश्वास नहीं हुआ. राजा ने रहषु को ढोंगी बताया और मां को बुलाने को कहा.रहषु ने राजा से प्रार्थना किया कि ऐसा करने को आप हमें नहीं कहे. मां अगर यहां आती हैं तो पूरा राज्य बर्बाद हो जाएगा. लेकिन, घमंडी राजा नहीं माना. अन्ततः रहषु की प्रार्थना पर मां कोलकता, पटना और आमी होते हुए अपने सच्चे भक्त के सिर को दो फाड़ कर प्रकट हुई. मां तो प्रकट हो गई लेकिन राजा के सभी भवन गिर गए और राजा को मोक्ष मिल गया.

आप कैसे पहुंच सकते हैं मां के दरबार में 

पटना से आप मां के दर्शन के लिए सीधे बस या फिर ट्रेन से गोपालगंज जा सकते हैं. गोपालगंज से आप सीवान के रास्ते में थावे पड़ता है. मां के दरबार तक जाने के लिए आपको रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से टेंपू, रिक्शा अक्सर मिल जायेंगे. आप इसे शेयर में या फिर रिजर्व कर के मां के दरबार में जा सकते हैं. लेकिन आपको थावे में रहने की कोई व्यवस्था नहीं है. इसलिए आप ठहरना चाहते हैं तो फिर गोपालगंज में ही होटल बुक करवा कर रुक सकते हैं.

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