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कैंपस : लेखक संघर्ष को एकत्र कर उसे प्रेरणा का मंत्र बनाता है : ब्रजेश मेहरोत्रा

जीवनियां मनुष्य के विचार, दर्शन और जीवन का दस्तावेज होती हैं

संवाददाता, पटना

जीवनियां मनुष्य के विचार, दर्शन और जीवन का दस्तावेज होती हैं. जीवनीकार अशोक कुमार सिन्हा के जीवन में संघर्ष के अनेक पड़ाव प्रेरित करने वाले हैं, जो नयी पीढ़ी को आगे बढ़ने की रोशनी देंगे. यह कहना था राज्य सूचना आयुक्त ब्रजेश मेहरोत्रा का. वह बुधवार को श्रीअरविंद महिला कॉलेज में हिंदी विभाग की ओर से हिंदी पखवारे के समापन समारोह में श्रीराम तिवारी की पुस्तक ‘जीवनीकार अशोक कुमार सिन्हा‘ के विमोचन करने के बाद बतौर मुख्य अतिथि समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने अनेक प्रेरक पुरुषों की जीवनियां लिखी हैं, जिनमें उनके अपने पिता, साहित्यकार, राजनेता आदि शामिल हैं. उन्होंने कहा कि संघर्ष से सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है, इसलिए संघर्ष को उन्होंने महापुरुषों के जीवन से एकत्र कर उसे प्रेरणा के मंत्र में बदला. उन्होंने कहा कि अशोक मेरे प्रिय लेखक हैं. उन्हें पढ़ने से अपने जीवन की सफलता का मर्म समझ में आता हैं. उन्होंने छात्राओं से कहा कि सतयुग हो या कलयुग हर युग में अच्छे इंसान रहे हैं उनसे नया कुछ सीखने का प्रेरणा लें. कवि आलोक धन्वा ने कहा कि अशोक कुमार सिन्हा का जीवन विरुद्ध परिस्थितियों में भी लगातार कार्य करते हुए संघर्ष और सफलता कर रहा है, जिसे जानने से महान मूल्यों को जीने का अवसर मिलेगा. अशोक ने अनेक महान पुरुषों की जीवनी लेखन के द्वारा नयी पीढ़ी को आगे बढ़ने का मंत्र बताया है.लेखक अशोक कुमार सिन्हा ने कहा कि मैं किसान परिवार से आता हूं. बचपन से ही संघर्ष देखा है और इसी संघर्ष को अपनी प्रेरणा बनाकर कोशिश की, कि नयी पीढ़ी भी अपने संघर्ष और अभाव को सफलता में बदलने का हुनर सीख ले. कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ शिवनारायण सिंह ने की.

पुस्तक सभी के लिए प्रेरणा

प्राचार्या प्रो साधना ठाकुर ने कहा कि अशोक कुमार सिन्हा पर लिखी गयी पुस्तक से पाठकों को प्रतिकूल परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है, इसलिए इसे जरूर पढ़ा जाना चाहिए. इस अवसर पर पुस्तक परिचय देते हुए आरंभ में चर्चित लेखक डॉ ध्रुव कुमार ने कहा कि अशोक कुमार सिन्हा ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण, जननायक कर्पूरी ठाकुर, सहित आसिन साहित्यकारों, कला शिल्पियों, आंदोलनकारी महापुरुषों की जीवनी लेखन किया है. उनकी अब तक 37 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. इस अवसर पर पुस्तक लेखक श्रीराम तिवारी, प्रसिद्ध लेखिका ममता मेहरोत्रा सहित अनेक वक्ताओं ने अपने–अपने विचार रखे.

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