23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार में पांच साल से अधिक लंबित मुकदमों की संख्या 17.67 लाख

निचली अदालतों में सालों से लंबित मुकदमों को लेकर सुप्रीम कोर्ट गंभीर है.10 साल से अधिक लंबित मुकदमों को फेज वाइज निपटान का निर्देश सुप्रीम कोर्ट की मॉडल केस फ्लो मैनेजमेंट कमेटी ने हाइकोर्ट को दिया है.

पांच साल से अधिक लंबित मुकदमों को फेज वाइज निबटाने का निर्देश संवाददाता,पटना निचली अदालतों में सालों से लंबित मुकदमों को लेकर सुप्रीम कोर्ट गंभीर है.10 साल से अधिक लंबित मुकदमों को फेज वाइज निपटान का निर्देश सुप्रीम कोर्ट की मॉडल केस फ्लो मैनेजमेंट कमेटी ने हाइकोर्ट को दिया है.मामले की गंभीरता को देखते हुए हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को भी इस संबंध में निर्देश जारी किया है. बिहार में पांच साल से अधिक लंबित मुकदमों की संख्या 17.67 लाख के करीब है. इन मुकदमों की सुनवाई के लिए अधिक संख्या में न्यायिक सेवा के अधिकारियों के साथ-साथ लोक अभियोजक (पीपी), अपर लोक अभियोजक (एपीपी) और विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) की जरूरत है. राज्य में 1200 से अधिक पीपी और एपीपी का पद रिक्त पिछले दिनों राज्य में लंबित मुकदमों को तेजी से निबटारे के लिए मुख्य सचिव ने समीक्षा बैठक कर विधि विभाग और गृह विभाग को विशेष निर्देश दिया था.इसमें मुकदमों में सहयोग के लिए पीपी,एपीपी और एसपीपी की नियुक्ति विधि विभाग को करने के लिए कहा गया है. उल्लेखनीय है कि राज्य में 1200 से अधिक पीपी और एपीपी के पद रिक्त हैं.विधि विभाग के सूत्रों का कहना है कि नियुक्ति को लेकर अभी कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गयी है. राज्य के निचली अदालत में 36 लाख से अधिक मुकदमें लंबित बिहार की निचली अदालतों में साल -दर- साल मुकदमों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है.राज्य में सुनवाई के लिए लंबित कुल मुकदमों की संख्या बढ़कर 36 लाख से अधिक हो गयी है.इनमें सिविल मामलों के मुकदमों की संख्या 5.34 लाख और क्रिमिनल की 30.76 लाख है.वर्तमान में करीब 1554 न्यायिक सेवा के अधिकारी कार्यरत हैं, जबकि मुकदमों की संख्या 36 लाख से अधिक है.इस तरह से देखें तो प्रति न्यायिक सेवा के अधिकारियों के जिम्मे 2323 मुकदमें हैं. बिहार में लंबित मुकदमों की संख्या केस 5-10 साल तक लंबित मुकदमों की संख्या क्रिमिनल 1065145 सिविल 145363 केस 10 साल से अधिक लंबित मुकदमों की संख्या क्रिमिनल 701354 सिविल 94955

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें