नेताओं के खिलाफ लंबित मामलों में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में रखा पक्ष, बिहार के 531 मामलों में वर्तमान विधि निर्माताओं के 256 मामले
पटना / नयी दिल्ली : पूर्व और वर्तमान सांसदों-विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मुकदमों के तेजी से निस्तारण मामले को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. देश के पूर्व और वर्तमान सांसदों-विधायकों के खिलाफ कुल 4,442 मामलों में बिहार में 531 मामले हैं. इनमें से 256 मामलों में वर्तमान विधि निर्माता आरोपित हैं.
पटना / नयी दिल्ली : पूर्व और वर्तमान सांसदों-विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मुकदमों के तेजी से निस्तारण मामले को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. देश के पूर्व और वर्तमान सांसदों-विधायकों के खिलाफ कुल 4,442 मामलों में बिहार में 531 मामले हैं. इनमें से 256 मामलों में वर्तमान विधि निर्माता आरोपित हैं.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पूर्व और वर्तमान सांसदों-विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मुकदमों के तेजी से निस्तारण पर जोर दिया. साथ ही कहा कि इन मामलों को एक निश्चित समय के भीतर उनके नतीजों तक पहुंचाना जरूरी है.
न्यायमूर्ति एनवी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति ऋषिकेश राय की पीठ के समक्ष केंद्र की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता उपस्थित हुए. उन्होंने कहा कि इन मामलों के तेजी से निस्तारण के बारे में न्याय मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसारिया के सुझावों पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है.
देश के कुल 4442 मामलों में 2,556 आरोपित वर्तमान सांसद-विधायक हैं. सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि सांसदों और विधायकों के खिलाफ 200 से ज्यादा मामले भ्रष्टाचार निरोधक कानून, धनशोधन रोकथाम कानून और पोक्सो कानून के तहत विभिन्न राज्यों में लंबित हैं.
वहीं, इसी तरह एक दर्जन से ज्यादा सांसदों और विधायकों (पूर्व और वर्तमान) के खिलाफ आयकर कानून, कंपनी कानून, एनडीपीएस कानून, आबकारी कानून तथा शस्त्र कानून के तहत मामले लंबित हैं.