पटना : बुधवार को बेलछी ब्लाॅक के क्वाॅरेंटिन सेंटर में रह रहे 20 दिनों के एक बच्चे में कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद यह पटना जिले का सबसे कम उम्र का कोरोना मरीज बन गया है. यह बच्चा माता-पिता के साथ पिछले दिनों दिल्ली से आया था. पाॅजिटिव पाये जाने पर उसे बाढ़ अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. डाॅक्टरों की टीम उसके स्वास्थ्य पर नजर रखी हुई है. इससे पहले 11 दिनों के बच्चे की आइजीआइएमएस में कोरोना जांच हुई थी. लेकिन, जांच में वह निगेटिव निकला था.
आइजीआइएमएस की नर्स में निकला कोरोनाबुधवार को आइजीआइएमएस की जो नर्स पॉजिटिव पायी गयीं, वह वहां की पहले से संक्रमित नर्स के संपर्क में आयी थीं. पहले संक्रमित पायी गयी नर्स गर्भवती थीं और उनका इलाज गायनी विभाग में हुआ था. ऐसे में गायनी विभाग के डाॅक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों का बुधवार को कोरोना टेस्ट हुआ, जिसमें ये नर्स पाॅजिटिव निकलीं. ये नर्स आइजीआइएमएस परिसर में ही रहती हैं. पीएमसीएच में होगी सभी डाॅक्टरों की कोरोना जांचपीएमसीएच में अब सभी डाॅक्टरों, नर्सों और पारामेडिकल कर्मियों की कोरोना जांच होगी. इसे विभिन्न चरणों में किया जायेगा. अब तक करीब 35 डाॅक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की जांच हो चुकी है. इसे अब लगतार किया जायेगा.
वहीं, नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मेल सर्जरी वार्ड में ड्यूटी करने वाली फ्रंटलाइन योद्धा 37 वर्षीया नर्स कोरोना संक्रमित हो गयी है. संक्रमित हुई नर्स व साथ रहे नर्सिंग स्टाफ ने बताया कि सोमवार की रात वह ड्यूटी में थी, इसी दौरान बाढ़ से आये छह कोरोना संक्रमित मरीजों में दो बगैर मास्क ड्यूटी रूम की तरफ आ गये. ड्यूटी पर तैनात नर्स दोनों मरीजों को मास्क लगाने के लिए कहने लगी, इसी बातचीत में वह भी संक्रमण के चपेट में आ गयी. संदेह होने पर डॉक्टर से परामर्श ले मंगलवार की सुबह सैंपल की जांच करायी. चिकित्सकों ने बताया कि खुद को क्वारेंटिन करने के लिए मंगलवार की रात ड्यूटी से अवकाश ले लिया. संक्रमित हुई नर्स के अनुसार वह बुधवार की रात भी घर से ड्यूटी पर जाने के लिए निकल रही थी, लेकिन तभी फोन आया की आप कोरोना संक्रमित हो गयी हैं. इस मामले में नोडल चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिन्हा ने बताया कि नर्सिंग स्टॉफ की जांच रिपोर्ट में बीमारी की पुष्टि हुई है.