सिनेमा उद्योग को हर दिन हो रहा है 30 लाख रुपये का नुकसान
पटना : कोरोना संकट के आते ही राजधानी के मल्टीप्लेक्स और सिनेमा हॉल बंद कर दिये गये थे. प्रबंधकों की मानें तो राजधानी पटना में सिनेमा उद्योग का हर दिन का कारोबार लगभग 30 लाख रुपये का है, जिसका नुकसान हो रहा है. इनको बंद किये हुए एक माह से अधिक समय हो गया है. […]
पटना : कोरोना संकट के आते ही राजधानी के मल्टीप्लेक्स और सिनेमा हॉल बंद कर दिये गये थे. प्रबंधकों की मानें तो राजधानी पटना में सिनेमा उद्योग का हर दिन का कारोबार लगभग 30 लाख रुपये का है, जिसका नुकसान हो रहा है. इनको बंद किये हुए एक माह से अधिक समय हो गया है. तीन मई से भी शुरू हो सकेगा या नहीं, स्पष्ट नहीं है. क्योंकि देश में सिनेमा उद्योग का प्रमुख केंद्र मुंबई कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित है और राजधानी पटना लॉकडाउन की वजह से ठप है.
ऐसी स्थिति में सिनेमा व मल्टीप्लेक्स मालिकों की हालत खराब हो रही है. बंद की अवधि का वेतन और प्रबंधन खर्च भी मुश्किल में डाल रहा है. ऐसे में सरकार से इसे शुरू करने और राहत देने की मांग मल्टीप्लेक्स प्रबंधकों ने की है. राजधानी पटना में प्रमुख रूप से तीन मल्टीप्लेक्स हैं. इसके अलावा कई सिनेमा हॉल संचालित हैं, जहां हर दिन 14 हजार से अधिक लोग सिनेमा देखने पहुंचते हैं. सिनेमा उद्योग से 2 हजार से अधिक परिवारों की रोजी रोटी जुड़ी है. उपकरणों के खराब होने का डरज्ञात हो कि मार्च में कोरोना के फैलाव के बाद 12 मार्च से फिल्म इंडस्ट्रीज बंद है.
संक्रमण फैलाव की संभावना को बताते हुए सबसे पहले इन्हें ही बंद किया गया था. सिनेमा उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि आगामी हालात को देखते हुए सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की गयी है. इन लोगों का कहना कि सरकार को बिजली बिल और जीएसटी में कटौती करनी चाहिए. मल्टीप्लेक्स के प्रबंधकों की मानें, तो लगातार बंद रहने और रख-रखाव के अभाव में डिजिटल उपकरण भी खराब होने का डर बना हुआ है.
जिस तरह की स्थितियां बन रही हैं, अगले एक माह और सिनेमा के शुरू होने की संभावना बहुत ही कम है. कोट : क्या कहते हैं मल्टीप्लेक्स चलानेवालेराज्य सरकार कारोबार पर आये संकट को दूर करने पर गंभीरता से विचार कर रही है. सरकार का जो आदेश आयेगा उसके अनुसार सिने उद्योग काम करेगा. सुनील कुमार सिन्हा, प्रमुख, रिजेंट मल्टीप्लेक्सहर दिन लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. लाॅकडाउन समाप्त होने के बाद भी इस उद्योग को पटरी पर आने में छह माह से अधिक का समय लग सकता है. राहत पैकेज मिलना चाहिए.शरद गुप्ता, मोना सिनेमा