पटना. स्वास्थ्य विभाग के सख्त हिदायत के बाद भी जिम्मेदार अफसर बेपरवाह बने हुए हैं. वह कोरोना के गंभीर मरीजों की समय पर अस्पताल में शिफ्टिंग नहीं करा पा रहे हैं. लिहाजा इलाज के अभाव में मरीज दम तोड़ रहे हैं. इतना ही नहीं अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद भी कोरोना मरीजों को एंबुलेंस नहीं मिल पा रही है. इसका ताजा उदाहरण सोमवार को पटना मेडिकल अस्पताल में देखने को मिला, जहां 47 वर्षीय एक कोरोना मरीज को एंबुलेंस के इंतजार में परिसर में ही एक घंटे समय बिताना पड़ गया, बावजूद एंबुलेंस नहीं मिल पाया.
अंत में मरीज के परिजन प्राइवेट ऑटो रिजर्व कर मरीज को अपने निवास कंकड़बाग के हनुमान नगर मुहल्ले में लेकर गये. मरीज का बेटा रिंकू ने बताया कि करीब 12 दिन भर्ती होने के बाद उनके पिता का कोरोना जांच कराया गया. निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टरों ने डिस्चार्ज कर दिया. एंबुलेंस के लिए वह अस्पताल के कई जिम्मेदार अधिकारियों से संपर्क किया. यहां तक कि एंबुलेंस चालक रूम में भी गये.
एंबुलेंस के लिए जारी 102, 108 टोल फ्री नंबर पर फोन किया़ वहीं, जब एंबुलेंस नहीं मिल पायी तो प्राइवेट वाहन से ले कर गये़ परिजनों की माने तो पीएमसीएच आदि सभी सरकारी अस्पतालों में मरीज खुद के ही वाहन से आना-जाना करते हैं.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya