नर्सों की हड़ताल का IGIMS में दिखा असर, 10 ऑपरेशन टले, डायरेक्टर के आश्वासन पर हड़ताल खत्म
शहर के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में गुरुवार को नर्सों ने हड़ताल कर दिया. हड़ताल के कारण करीब 10 से अधिक ऑपरेशन टालने पड़े, जबकि तीन एंजीयोप्लास्टी भी नहीं हुई. वहीं, अस्पताल में इलाज को लेकर मरीज इधर-उधर भटकते रहे.
आनंद तिवारी
शहर के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में गुरुवार को नर्सों ने हड़ताल कर दिया. हड़ताल के कारण करीब 10 से अधिक ऑपरेशन टालने पड़े, जबकि तीन एंजीयोप्लास्टी भी नहीं हुई. वहीं, अस्पताल में इलाज को लेकर मरीज इधर-उधर भटकते रहे. गुरुवार को एक माह के बकाये वेतन और आगे समय पर वेतन देने की मांग को लेकर आइजीआइएमएस में करीब 300 नर्स व 200 टेक्नीशियन व स्वीपर ने दो घंटे तक हंगामा किया.
वो कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर चले गये. नर्स डायरेक्टर चेंबर का घेराव किये. इसमें मेल व फिमेल सभी नर्स शामिल थे. वहीं सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक नर्सों काम बंद कर दिया. इससे ऑपरेशन थियेटर, वार्ड, ओपीडी में इलाज को आये मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ गया. वहीं आइजीआइएमएस नर्सिंग यूनियन पटना से जुड़ी नर्सों का कहना है कि संस्थान में समय पर वेतन नहीं दी जाती है. एक तारीख के बदले कभी 15 तो कभी 20 तारीख तक वेतन आता है. ऐसे में अगर महीने की पहली तारीख को वेतन नहीं मिला तो फिर से रणनीति बनाकर हड़ताल किया जायेगा.
दो घंटे तक मेजर ऑपरेशन बंद, माइनर किये गये
दो घंटे तक काम बंद करने से ओटी में मेजर ऑपरेशन बंद कर दिये गये. इस अवधि में सिर्फ माइनर ही सर्जरी की गयी. वहीं जिन मरीजों का ऑपरेशन टाला गया उनमें कुछ को अगले दिन तो कुछ मरीजों को दो दिन बाद की तारीख दी गयी है. काम बंद होने की वजह से न्यूरो सर्जरी, कार्डियक सर्जरी, यूरोलॉजी, एंजियोप्लास्टी, प्लास्टिक सर्जरी, मैटरनल एंड चाइल्ड हेल्थ जैसे विभागों में काम नहीं हो सका. इससे संबंधित वार्डों में इलाज कराने आये मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ गया. सबसे अधिक परेशानी वार्ड में भर्ती मरीजों के साथ हुई, दो घंटे तक मरीजों को इंजेक्शन नहीं लग पाया.
डायरेक्टर के आश्वासन के बाद हड़ताल खत्म
नर्सों का कहना है कि समय पर वेतन दिये जाने को लेकर कई बार संस्थान के डायरेक्टर को लिखित में पत्र लिखा गया था. बावजूद उनके पत्र पर विचार नहीं किया गया. नाराज नर्सिंग कर्मियों ने डायरेक्टर चेंबर का घेराव किया. हालांकि बढ़ते मामले को देखते हुए डायरेक्टर ने नर्सों का एक प्रतिनिधि मंडल को बुलाया और 24 घंटे के अंदर वेतन दिये जाने का आश्वासन दिया. आश्वासन मिलने के बाद नर्सों ने हड़ताल खत्म पर अपने-अपने काम पर लौट गये.