पटना में असम के ‘मुरली बांस’ से बनाई जा रही पहली ओपन नेचर लाइब्रेरी, हरियाणा से बुलाये गए कारीगर
Patna : पटना जू में किताब प्रेमियों के लिए एक खास प्रकार की लाइब्रेरी बनाई जा रही है.इसे ओपन नेचर लाइब्रेरी नाम दिया गया है. इस लाइब्रेरी के निर्माण में एक खास प्रकार के बांस का प्रयोग किया जा रहा है
Patna: अगर आप पटना में रहते हैं और आपको किताबें पढने के साथ साथ प्राकृतिक नज़ारे देखना बहुत पसंद है तो यह खबर आपके लिए है, क्योंकि पटना में किताब प्रेमियों के लिए ओपन नेचर लाइब्रेरी बनाई जा रही है. यह लाइब्रेरी पटना जू में बनाई जा रही है. जिसमे बैठ कर आप खुले आसमान के नीचे पढ़ सकेंगे.
खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ सकेंगे लोग
पटना जू में किताब प्रेमियों के लिए एक खास प्रकार की लाइब्रेरी बनाई जा रही है. इसे ओपन नेचर लाइब्रेरी नाम दिया गया है. यह लाइब्रेरी ऐसी बनाई जा रही है जिसमे लोग खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़. इस लाइब्रेरी के निर्माण में एक खास प्रकार के बांस का प्रयोग किया जा रहा है यह अपनी तरह की पहली ओपन नेचर लाइब्रेरी है.
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असम के मुरली बांस का किया जा रहा प्रयोग
इस लाइब्रेरी को ऐसा बनाया जा रहा है कि यह गर्मी के मौसम में ठंडा और पूरी तरह से वाटर प्रूफ होगा. इस ओपन लाइब्रेरी को बनाने के लिए असम में पाये जाने वाले मुरली बांस का प्रयोग किया जा रहा है. यह बांस असम में पाया जाता है जो जल्दी से ख़राब नही होता.लाइब्रेरी को बनाने के किये बांस को पहले बीच से काटाकर ढांचे के अनुसार तैयार किया जाता है.
हरियाणा से बुलाये गए हैं कारीगर
लाइब्रेरी में किताबों को रखने के लिए सेल्फ बनाए जा रहे है लोगों को बैठने के लिए बांस के द्वारा बेंच बनाई जा रही हैं. रौशनी के लिए लाइट लगवाई जाएगी और इस लाइब्रेरी को वाटर प्रूफ भी बनाया गया है जिसे बनाने के लिए हरियाणा से कारीगरों को बुलाया गया है.
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