ओडिशा से लौटे चौथे बीमार मजदूर की भी मौत, मेडिकल टीम ने की जांच

bihar news बाढ़ बाजार के रन्नुचक मोहल्ले में ओडिशा से लौटे ग्रुप के चौथे बीमार मजदूर मो शाहिद ने भी इलाज के दौरान शुक्रवार को दम तोड़ दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | September 14, 2024 12:36 AM

प्रतिनिधि, बाढ़ बाढ़ बाजार के रन्नुचक मोहल्ले में ओडिशा से लौटे ग्रुप के चौथे बीमार मजदूर मो शाहिद ने भी इलाज के दौरान शुक्रवार को दम तोड़ दिया. उसकी मौत पश्चिम बंगाल के आसनसोल के अस्पताल में हुई है. उसे परिजन बाढ़ से इलाज कराने ले गये थे. वहीं दूसरी तरफ शुक्रवार को रहस्यमय बीमारी से तीन मजदूरों की मौत की खबर छपने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. अधिकारियों के निर्देश पर तीन मेडिकल टीम ने मौके पर पहुंच जांच पड़ताल की. वहीं, दूसरी तरफ लगातार चार मजदूरों की मौत से मोहल्ले में मातम छाया हुआ है. लोग दहशत में हैं. लोगों का कहना है कि मजदूरों को ओडिशा के सुनसान जंगल में टावर लगाने के दौरान रहस्यमय बीमारी ने गिरफ्त में ले लिया था. हालांकि तीन और मजदूरों की हालत गंभीर बनी हुई है. मो सलीम और मोउमर उर्फ चुन्नू का इलाज चल रहा है. जांच के दौरान स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि मजदूर मलेरिया के शिकार हुए हैं. कुछ लोग इसे दिमागी बुखार भी बता रहे हैं. परिजनों ने बताया कि मोहम्मद सलीम की हालत में सुधार हो रहा है. मजदूरों का ग्रुप एक सप्ताह पूर्व उड़ीसा से बीमार होकर लौटा था. सभी उड़ीसा के जंगल में मोबाइल टावर लगाने का काम कर रहे थे. एक-एक कर बीमार होने के बाद उनमें दहशत फैल गयी और सभी वापस बाढ़ लौट आये. इसमें अब तक चार मजदूरों की मौत हो चुकी है. वहीं एक मजदूर पप्पू को झाड़ फूंक कराने के लिए परिजन उत्तर प्रदेश के कछौता शरीफ ले गये थे. हालांकि वहां पर स्थिति गंभीर होने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां इलाज चल रहा है. बीमार मो उमर को इलाज के लिए जिला प्रशासन की मेडिकल टीम पीएमसीएच ले जाने की कोशिश की, लेकिन उसने इंकार कर दिया. हालांकि वार्ड पार्षद प्रतिनिधि द्वारा इस परिवार को आर्थिक मदद भी मुहैया करायी गयी है. वार्ड 11 के पार्षद प्रतिनिधि शाहिद नवाज ने बताया कि मजदूरों ने डर और अंधविश्वास के कारण समय पर इलाज नहीं कराया, जिसके कारण चार मजदूर काल के गाल में समा गये. उधर मृतक मजदूर के आश्रित को आर्थिक मदद नहीं मिलने के कारण वे भुखमरी के शिकार हो गये हैं. बीमार मोहम्मद शाहिद की मौत के बाद उसके घर में कोई भी कमाने वाला नहीं है. उसके दो बच्चे हैं. दूसरी तरफ नप द्वारा मोहल्ले में न तो सफाई का काम शुरू किया गया है और न ही फॉगिंग करायी गयी है. लोगों ने सफाई और फॉगिंग कराने की मांग की है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version