बिहार में लालटेन और ढिबरी की जरूरत खत्म, 2005 में होती थी 700 मेगावाट बिजली की आपूर्ति, आज हो रही 5,932 मेगावाट : नीतीश
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज बिहार में बिजली की स्थिति में बड़ा सुधार हुआ है. साल 2005 में मात्र 700 मेगावाट बिजली की आपूर्ति हो रही थी, जो आज बढ़ कर 5,932 मेगावाट हो गयी है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में 15 अगस्त के दिन ही गांधी मैदान से मैंने घोषणा की थी कि अगर बिहार में बिजली की स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो 2015 के विधानसभा चुनाव में वोट मांगने नहीं जायेंगे.
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज बिहार में बिजली की स्थिति में बड़ा सुधार हुआ है. साल 2005 में मात्र 700 मेगावाट बिजली की आपूर्ति हो रही थी, जो आज बढ़ कर 5,932 मेगावाट हो गयी है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में 15 अगस्त के दिन ही गांधी मैदान से मैंने घोषणा की थी कि अगर बिहार में बिजली की स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो 2015 के विधानसभा चुनाव में वोट मांगने नहीं जायेंगे.
4855 करोड़ की योजनाओं का किया उद्घाटन, लोकार्पण व शिलान्यासमुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से ऊर्जा प्रक्षेत्र की 4855.37 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण, शिलान्यास एवं कार्यारंभ किया. इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा विभाग को आज विभिन्न योजनाओं के उद्घाटन एवं शिलान्यास कार्यक्रम के लिए बधाई देता हूं. आज 1341.31 करोड़ रुपये की योजनाओं का उद्घाटन, 3130.54 करोड़ रुपये की जर्जर तार बदलने की योजना का लोकार्पण एवं 383.52 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास एवं कार्यारंभ किया गया है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में बिजली की क्या स्थिति थी ये सभी जानते हैं.
वर्ष 2015 में सत्ता में आने के बाद सात निश्चय कार्यक्रम लागू किया गया, जिसमें हमने हर घर तक बिजली पहुंचाने का निश्चय किया. हर घर तक बिजली पहुंचाने का काम दिसंबर 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे अक्टूबर 2018 में ही पूरा कर लिया गया. अक्टूबर 2018 में बिजली विभाग के उसी कार्यक्रम के दौरान बिजली के जर्जर तारों को बदलने का हमने लक्ष्य निर्धारित किया, जिसे ऊर्जा विभाग ने ससमय 2019 के अंत तक पूर्ण कर लिया.
उपभोक्ताओं को मिल रही पहले से ज्यादा सब्सिडीमुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली के उपभोक्ताओं को पहले से ज्यादा सब्सिडी अभी मिल रही है. सभी बिजली बिल पर लिखा होता है कि इसमें सरकार की सब्सिडी कितनी है और लोगों को कितने बिजली बिल का भुगतान करना है. सरकार 6,000 करोड़ रुपये से ज्यादा बिजली सब्सिडी पर खर्च कर रही है.
प्रीपेड मीटर लगने से बिजली कंपनियों को नहीं होगा कोई नुकसानमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में प्रीपेड मीटर लगाने का काम शुरू किया गया है. प्रीपेड मीटर लग जाने से कई समस्याओं का समाधान हो जायेगा. बिजली कंपनियों को भी कोई नुकसान नहीं होगा. केंद्र सरकार भी इस योजना को स्वीकार कर चुकी है. प्रीपेड मीटर लगने से बिजली का दुरुपयोग नहीं होगा. साथ ही नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी एवं साउथ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को भी कम-से-कम नुकसान होगा.
किसानों को उपलब्ध करायी जा रही बिजलीसीएम नीतीश कुमार ने कहा कि खेती के लिए इच्छुक किसानों को बिजली का कनेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके लिए अब तक 2 लाख से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए हैं. जो भी आवेदन प्राप्त होंगे, उन्हें भी खेती के लिए बिजली का कनेक्शन उपलब्ध कराया जायेगा. इसके लिए कृषि फीडरों का निर्माण कराया जा रहा है. वादा किया था कि, हर खेत तक सिंचाई और हर घर तक पीने का पानी पहुंचायेंगे और इसे पूरा किया. जल संसाधन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग और ऊर्जा विभाग सर्वेक्षण करके इसकी कार्ययोजना बना रहे हैं.
भू-जलस्तर को मेंटेन रखने के किये जा रहे कार्यजल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत जल संरक्षण के लिए सात योजनाओं के माध्यम से कार्य किये जा रहे हैं. तालाब, आहर, पइन, पोखर, छोटी नदियों का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है. रेन वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से भू-जल स्तर को मेंटेन रखने के लिए कार्य किये जा रहे हैं. छोटी नदियों को आपस में जोड़ कर जल की उपलब्धता बनी रहे, इस योजना पर भी काम चल रहा है.
कृषि रोड मैप लागू होने से किसानों की फसलों का बढ़ा उत्पादनमुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि रोड मैप लागू होने से किसानों की फसलों का उत्पादन बढ़ा है. अच्छी सड़कें होने से उनके अनाज की पहुंच बाजार तक बनी है. इससे उन्हें उनके उत्पादन का उचित मूल्य मिल रहा है. किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए हमलोग कृषि क्षेत्र में कई कार्य कर रहे हैं.
2005 में शाम को दिखता था अंधेरा, अब हेलीकॉप्टर से दिखता है अनुपम दृश्यमुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2005 में न्याय यात्रा के दौरान शाम में जब वापस लौटते थे, तो बिल्कुल अंधेरा रहता था. सड़क किनारे कोई भी व्यक्ति नहीं दिखता था. अब हेलीकॉप्टर से रात में नीचे देखने पर बिजली की सभी जगह उपलब्धता से अनुपम दृश्य का अनुभव होता है. लॉकडाउन में घरों में बिजली की उपलब्धता से बच्चों को पढ़ने में सुविधा मिल रही है. साथ ही लोगों को घरों में रहने में तकलीफ महसूस नहीं हो रही है. पहले बिहार में लोग लालटेन और ढिबरी से काम चलाते थे. अब लालटेन और ढिबरी की जरूरत नहीं रह गयी है.
‘ऊपर बिजली-नीचे मछली’ योजना पर तेजी से चल रहा कार्यसौर ऊर्जा ही अक्षय ऊर्जा है. इसके लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित किया जाये. सरकारी भवनों पर सोलर प्लेट लगाये जा रहे हैं. ‘ऊपर बिजली-नीचे मछली’ योजना पर भी तेजी से कार्य चल रहा है. इससे ना सिर्फ पर्यावरण का संरक्षण होगा, बल्कि लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी.
कार्यक्रम में शामिल हुए कई मंत्री और अधिकारीकार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, ऊर्जा तथा मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, सचिव ऊर्जा संजीव हंस ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, योजना एवं विकास विभाग के सचिव मनीष कुमार वर्मा, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे. वहीं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, कला, संस्कृति एवं युवा मामलों के मंत्री प्रमोद कुमार, सहकारिता मंत्री राणा रंधीर सिंह, श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा, सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार, सांसद राजीव प्रताप रुडी, सांसद विजय मांझी सहित विधायकगण, विधानपार्षदगण एवं अन्य जन प्रतिनिधिगण, नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार, साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रबंध निदेशक संजीवन सिन्हा ब्रेडा के निदेशक आलोक कुमार, सभी जिलाधिकारी एवं ऊर्जा विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारी जुड़े हुए थे.