स्क्रैप सेंटर पर गयी गाड़ियों के नंबर रहेंगे सुरक्षित
स्क्रैप सेंटर पर गयी गाड़ियों के नंबर और उनसे संबंधित सभी डेटा अब सुरक्षित रखा जायेगा. राज्य भर में पुरानी या दुर्घटनाग्रस्त गाड़ियों को नष्ट करने के लिए स्क्रैप सेंटर (कबाड़ केंद्र) खुल रहे है.
संवाददाता, पटना स्क्रैप सेंटर पर गयी गाड़ियों के नंबर और उनसे संबंधित सभी डेटा अब सुरक्षित रखा जायेगा. राज्य भर में पुरानी या दुर्घटनाग्रस्त गाड़ियों को नष्ट करने के लिए स्क्रैप सेंटर (कबाड़ केंद्र) खुल रहे है.हाल के दिनों में परिवहन विभाग ने 15 जिले में 20 स्क्रैप सेंटर खोलने की अनुमति विभाग ने दी है. विभाग ने स्क्रैप पॉलिसी के तहत सेंटर में कबाड़ हाेने वाली गाड़ियों का पूरा डेटा रखने का निर्देश दिया है, ताकि चोरी हुई गाड़ियों या आपराधिक घटनाओं में लिप्त गाड़ियों को स्क्रैप नहीं किया जा सके. साथ ही अगर ऐसी कोई गाड़ियों को स्क्रैप किया गया है, तो उसका डेटा कभी भी विभाग या सेंटर से संबंधित जांच करने वाले अधिकारियों को मिल सके. बड़े वाहनों के लिए 8000 वर्गफुट में सेंटर खुलेंगे : सेंटर को अधिकतम 10 साल के लिए लाइसेंस मिलेगा.इसके बाद नवीकरण कराना होगा. वहीं,छोटे वाहनों का वाहन कबाड़ सेंटर खोलने के लिए न्यूनतम 4000 वर्गफुट और बड़े वाहनों के लिए 8000 वर्गफुट जगह अनिवार्य किया गया है. सेंटर खोलने वालों से एक लाख निबंधन शुल्क, तो 10 लाख की बैंक गारंटी देना होगा. निबंधित सेंटरों पर गाड़ियों की स्क्रैपिंग कराने से पहले जांच होगी, ताकि सही गाड़ी मालिक की पहचान हो सकें. इसके लिए ऑनर बुक, आधार कार्ड से लेकर परिवहन विभाग के अधिकारियों से भी मदद ली जायेगी. रिकाॅर्ड की जांच राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के साथ स्थानीय पुलिस से वाहनों के रिकाॅर्ड का मिलान होगा. विभाग के मुताबिक सबसे अधिक पटना में पांच स्क्रैप सेंटर खोलने की अनुमति मिली है. वैशाली में तीन आवेदकों ने स्क्रैप सेंटर खोलने की अनुमति ली है. वहीं, बाकी 12 जिले में एक-एक आवेदकों ने कबाड़ केंद्र खोलने के लिए आवेदन दिया था, जिसकी मंजूरी मिली है. सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक कोई भी व्यक्तिगत तौर पर या फर्म, सोसाइटी या ट्रस्ट के जरिए वाहन कबाड़ सेंटर खोल सकता है. इसके लिए केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से इजाजत लेनी होगी. इन गाड़ियों को किया जा सकता है नष्ट जो गाड़ी सड़क पर चलने के लायक नहीं है, उसे कबाड़ केंद्रों में नष्ट करवाया जा सकता है. वैसे इन कबाड़ केंद्रों पर कोई भी जाकर गाड़ी को नष्ट न करवा ले. वैसी तमाम गाड़ियां कबाड़ में नष्ट की जायेंगी, जिसे वाहन मालिक ही नष्ट करवाना चाहता हो. गाड़ियों को तब तक नष्ट नहीं किया जायेगा. जब तक उसका ईंधन, तेल, एंटीफ्रीज और अन्य गैस, तरल पदार्थों आदि को निकाल न लिया जाए. जितनी मूल्य की गाड़ियां नष्ट होंगी, उसी श्रेणी की गाड़ी खरीदने पर सरकार की ओर से टैक्स में छूट का लाभ मिलेगा.
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