16 को खरमास लगने से मांगलिक कार्यों पर लगेगा विराम

सनातन धर्मावलंबियों के खास महीना खरमास अग्रहण शुक्ल चतुर्थी 16 दिसंबर सोमवार से शुरू हो रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 30, 2024 1:05 AM

संवाददाता, पटना.

सनातन धर्मावलंबियों के खास महीना खरमास अग्रहण शुक्ल चतुर्थी 16 दिसंबर सोमवार से शुरू हो रहा है. खरमास के शुरू होते ही शुभ व मांगलिक कार्यों पर महीने भर का विराम लग जायेगा. फिर नये साल में 14 जनवरी की दोपहर सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद खरमास समाप्त होगा. इस दिन सूर्य उत्तरायण हो जायेंगे और शुभ मांगलिक कार्य भी शुरू होंगे. खरमास में पितृ पिंडदान का खास महत्व है. खरमास में भगवान विष्णु विधिपूर्वक पूजा-पाठ करने से अत्यंत प्रसन्न होते हैं और जातक यहां सब प्रकार के सुख भोगकर मृत्यु के बाद भगवान के दिव्य गोलोक धाम को वास करता है. खरमास में धार्मिक अनुष्ठान करने से अतुल्य पुण्य की प्राप्ति होती है.

ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि 16 दिसंबर को सूर्य सुबह 07:17 बजे धनु राशि में प्रवेश करेंगे. इससे खरमास यानी अशुद्ध मास का आरंभ हो जायेगा. मिथिला पंचांग में भद्रामुख के हिसाब से समय निर्धारित की जाती है, जबकि बनारसी पंचांगों में भद्रा पूछ के अनुसार. फिर नये साल के 14 जनवरी दिन मंगलवार को माघ कृष्ण प्रतिपदा की दोपहर बाद 02:55 बजे सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होने से खरमास समाप्त हो जायेगा. इस दिन संक्रांति का पुण्यकाल पूरे दिन रहेगा. सूर्य ही संक्रांति और लग्न के राजा माने जाते हैं. इनकी राशि का परिवर्तन ही खरमास का द्योतक है. ज्योतिषी झा के अनुसार खरमास में कोई भी शुभ मांगलिक आयोजन नहीं होगा. विवाह, नये घर में गृह प्रवेश, नये वाहन की खरीद, संपत्तियों का क्रय-विक्रय, मुंडन संस्कार जैसे अनेक शुभ कार्य वर्जित होते हैं. खरमास 14 जनवरी, 2025 को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद समाप्त होगा.

नये साल 2025 के वैवाहिक मुहूर्त

मिथिला पंचांग के मुताबिक

जनवरी: 16,19,20,23,24,29 व 30

फरवरी: 2,3,6,7,16,19,20,21,23 व 26

मार्च: 2,3,6 व 7

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