महानंदा और बागमती बाढ़ प्रबंधन के लिए बांध निर्माण की गति हुई धीमी
राज्य की प्रमुख नदियों में शामिल महानंदा और बागमती बाढ़ प्रबंधन के लिए बांध निर्माण की गति धीमी है. इसका कारण जमीन अधिग्रहण की समस्या है.
जमीन अधिग्रहण बनी बाधा संवाददाता, पटना राज्य की प्रमुख नदियों में शामिल महानंदा और बागमती बाढ़ प्रबंधन के लिए बांध निर्माण की गति धीमी है. इसका कारण जमीन अधिग्रहण की समस्या है. फिलहाल महानंदा बाढ़ प्रबंधन के लिए कटिहार और पूर्णिया जिले में जमीन अधिग्रहण चल रहा है. इसमें तेजी लाने का निर्देश स्थानीय अधिकारियों और अभियंताओं को दिया गया है. वहीं बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना का काम अलग-अलग चरणों में किया जा रहा है. इसके दूसरे चरण में बाएं तटबंध का निर्माण सात किमी और दाएं तटबंध का निर्माण 12 किमी लंबाई में होना है. इसके लिए जमीन अधिग्रहण की गति धीमी रहने के कारण एक साल में केवल दो सौ मीटर लंबाई में तटबंध बना है. इसे लेकर मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी जिला के विभागीय अधिकारियों और अभियंताओं को जिला प्रशासन से समन्वय कर जमीन अधिग्रहण में तेजी लाने का निर्देश मुख्यालय स्तर से दिया गया है. बॉक्स अधीक्षण और कार्यपालक अभियंता का नवंबर का वेतन रुका इसके साथ ही बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना फेज-3 (ए) में कराचीन-बदलाघाट तटबंध और बदलाघाट-नगरपाड़ा तटबंध में भू-अर्जन के भुगतान में क्षेत्रीय अभियंताओं द्वारा रुचि नहीं लेने की शिकायत विभाग को मिली. इस पर विभाग ने खगड़िया के अधीक्षण अभियंता और बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-2 खगड़िया के कार्यपालक अभियंता के नवंबर 2024 का वेतन रोकने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया है. इस परियोजना में परियोजना के ठेकेदार ने मुख्यालय के आला अधिकारियों को जानकारी दी है कि पिछले एक साल में हायाघाट-कराचीन तटबंध में 62 फीसदी, कराचीन-बदलाघाट में 3.60 फीसदी और बदलाघाट-नगरपाड़ा तटबंध में 17.70 फीसदी ही जमीन अधिग्रहण हुआ है. इस कारण तटबंध का निर्माण नहीं हो सका है. साथ ही ठेकेदार ने समयसीमा बढ़ाने की मांग की है.
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