– फिलहाल एनजीटी के आदेश के तहत 15 अक्तूबर तक बंद है बालू खनन संवाददाता, पटना राज्य में बंदोबस्त किये गये बालू घाटों को संचालन लायक बनाने की प्रक्रिया बहुत धीमी है. पिछले दिनों खान एवं भूतत्व विभाग ने यह जानकारी मिलने पर सभी खनिज विकास पदाधिकारियों को बालू घाटों को संचालन लायक बनाने की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया है. फिलहाल 22 जुलाई तक 13 जिलों के करीब 610 बालू घाटों में से 291 घाटों की नीलामी हो चुकी है. उसमें से करीब 168 घाटों को पर्यावरणीय मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन केवल 131 घाटों को ही अब तक संचालन के लायक बनाया जा सका है. फिलहाल इन घाटों से ही खनन हो सकता है. हालांकि, फिलहाल एनजीटी के आदेश के तहत 15 अक्तूबर तक बालू खनन बंद है. सूत्रों के अनुसार सभी 13 जिलों में करीब 319 घाटों की नीलामी में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है. इनमें सबसे अधिक 135 बालू घाट पटना जिले में हैं. इसके अलावा दूसरे नंबर औरंगाबाद में 79 बालू घाटों की नीलामी होनी है. ऐसे में सभी 13 जिलों में पटना, औरंगाबाद, रोहतास, कैमूर, भोजपुर, बक्सर, नालंदा, अरवल, गया, नवादा, जमुई, लखीसराय और मुंगेर जिले शामिल हैं. इनमें से मुंगेर और बक्सर जिला में एक भी बालू घाट से खनन शुरू नहीं किया गया है. गौरतलब है कि राज्य सरकार का मकसद अधिक से अधिक घाटों से बालू का खनन शुरू करना है. इससे आम लोगों को निर्माण कार्य के लिए कम समय में उचित कीमत पर बालू उपलब्ध हो सकेगा. साथ ही राज्य सरकार को राजस्व में भी बढ़ोतरी हो सकेगी. जिन वाहनों से बालू ढोया जाएगा उस पर जीपीएस लगा होना अनिवार्य होगा, साथ ही लाल रंग से 20 इंच चौड़ी पेंट की गई पट्टी पर खनन वाहन निबंधन संख्या लिखना भी अनिवार्य होगा. बंदोबस्तधारी को प्रत्येक 15 दिन पर लोडिंग स्थल पर उपलब्ध बालू का ब्योरा विभाग को देना होगा.
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