जमुई और बांका जिले में एनएच-333ए के बचे हिस्से का 62 किमी लंबाई में होगा निर्माण
राज्य के जमुई और बांका जिले में एनएच-333ए के बचे हिस्से का करीब 62 किमी लंबाई में निर्माण इसी साल शुरू होगा. यह सड़क नारायणा-सोनाे-झाझा-सिमुलतला-कटोरिया का हिस्सा है.
– एनएच-333ए के बचे हिस्से का निर्माण होने से बिहार और झारखंड के लिए सड़क यातायात बेहतर हो सकेगा – एनएच-327इ की मरम्मत होने से बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच आवागमन सुविधा बेहतर होगी संवाददाता, पटना राज्य के जमुई और बांका जिले में एनएच-333ए के बचे हिस्से का करीब 62 किमी लंबाई में निर्माण इसी साल शुरू होगा. यह सड़क नारायणा-सोनाे-झाझा-सिमुलतला-कटोरिया का हिस्सा है. इस सड़क को बेहतर बनाने की मांग लंबे समय से हो रही थी. इसके निर्माण की प्रक्रिया केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने शुरू कर दी है. फिलहाल इसकी डीपीआर बन रही है. इसके बाद केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इस साल के अंत तक निर्माण एजेंसी का चयन कर सड़क बनाने का काम शुरू हो जायेगा. इस सड़क का निर्माण 2026 तक पूरा होने की संभावना है. सूत्रों के अनुसार बिहार और झारखंड के बीच बेहतर सड़क यातायात के लिए जमुई और बांका जिले में एनएच-333ए की करीब 134 किमी लंबाई में निर्माण की योजना थी. इसमें से करीब 72 किमी लंबाई में निर्माण पूरा हो चुका था. साथ ही करीब 62 किमी लंबाई में इसका निर्माण बचा हुआ था. यह सड़क नारायणा-सोनाे-झाझा-सिमुलतला-कटोरिया तक जायेगी. ऐसे में एनएच-333ए के अब इस बचे हुए करीब 62 किमी लंबाई के हिस्से का निर्माण करने की प्रक्रिया मंत्रालय ने शुरू कर दी है. बॉक्स सीमांचल में तामकुल्हा से जागुर तक एनएच-327 इ की होगी मरम्मत बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच बेहतर आवागमन के लिए सीमांचल में तामकुल्हा से जागुर तक एनएच-327 इ की मरम्मत होगी. इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिए निर्माण एजेंसी के चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. तामकुल्हा से जागुर तक करीब 12 किमी लंबाई में इस सड़क की मरम्मत इस साल के अंत तक पूरा होने की संभावना है.
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