स्टार्टअप की सफलता दैनिक जीवन में इसके उपयोग और सहज उपलब्धता पर निर्भर

विकास प्रबंधन संस्थान (डीएमआइ) के 11वें स्थापना दिवस पर गुरुवार से विकसित बिहार की परिकल्पना पर दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन अधिवेशन भवन में शुरू हुआ.

By Prabhat Khabar News Desk | February 13, 2025 8:27 PM
an image

-डीएमआइ के 11वें स्थापना दिवस पर अधिवेशन भवन में दो दिवसीय संगोष्ठी का शुभारंभ

संवाददाता, पटना

विकास प्रबंधन संस्थान (डीएमआइ) के 11वें स्थापना दिवस पर गुरुवार से विकसित बिहार की परिकल्पना पर दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन अधिवेशन भवन में शुरू हुआ. दो दिनों में चार सत्रों की संगोष्ठी के पहले सत्र में शून्य से शिखर पर पहुंचे युवा उद्यमियों में विद्यार्थी और युवाओं को लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रेरित किया. निदेशक प्रो देवीप्रसाद मिश्र ने अतिथियों का स्वागत करते हुआ कहा कि आज के चार में से तीन वक्ता इरमा, आनंद उनके विद्यार्थी रहे हैं, जो ग्रामीण प्रबंधन में अध्ययन करके ऊंचा मुकाम हासिल किये हैं. नवाचार और उद्यमिता के पाठ और शिक्षा पर पहले सत्र में यूनिकॉर्न स्टार्टअप यूवी ग्रुप के संस्थापक गौरव कुमार ने कहा कि तकनीक जीवन की जरूरतों को आसान कर देता है. स्टार्टअप का उद्देश्य और इसकी सफलता दैनिक जीवन में इसके उपयोग और सहज उपलब्धता पर निर्भर करता है. पहले सत्र का संचालन एक्सएलआरआइ के पूर्व संकाय सदस्य डॉ प्रबल के सेन ने किया. कार्यक्रम समन्वयक प्रो सूर्यभूषण ने विकसित बिहार की परिकल्पना की रूपरेखा प्रस्तुत की.

विकसित राज्य बनाने की क्षमता रखता है खाद्य प्रसंस्करण

बीएसइ इ-एग्रीकल्चर मार्केट्स लिमिटेड (बीइएएम) के पूर्व सीइओ व देश के प्रतिष्ठित एंजल इन्वेस्टर नीलोत्पल ने कहा कि बिहार को विकसित राज्य बनाने की क्षमता खाद्य प्रसंस्करण में है. राज्य की बड़ी आबादी कृषि कार्य से जुड़ी है. फसल के स्टोरेज की क्षमता बढ़ने से किसानों को अपने उत्पाद का उचित मूल्य मिल पायेगा. उन्होंने आलू के उत्पादन और बाजार पर विस्तृत जानकारी दी. आर्यधन फाइनेंशियल सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड समूह के वित्त प्रमुख मुक्तेश पारिक ने कहा कि बिहार के युवा पूरे देश में हैं.

पंचामृत में भाषा के शौर्य और मिठास से हुए रूबरू :

दूसरे सत्र में पंचामृत :

लोकभाषा कविता समागम का आयोजन किया गया. इसमें भोजपुरी, मैथिली, मगही, अंगिका और बज्जिका में कविता पाठ के साथ उसकी यात्रा पर विमर्श हुआ. इस सत्र का संचलान युवा कवि चंदन कुमार चातक ने किया. मगही में अनमोल कुमारी, अंगिका में कुंदन आनंद, बज्जिका में आचार्य आनंद किशोर शास्त्री, भोजपुरी में सुनील कुमार तंग व मैथिली में अल्पना आनंद ने संबंधित की शौर्य गाथा के साथ-साथ उसकी मिठास से भी दर्शकों को रूबरू कराया.

आज का आयोजन

संगोष्ठी के दूसरे दिन 14 फरवरी को प्रथम सत्र में नागरिक समाज के मायने विषय पर बिहार में विकास संबंधित कार्य क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञ शामिल होंगे. इसमें विकास के लिए जरूरी बिंदुओं पर विमर्श होगा. आखिरी सत्र में भिखारी ठाकुर रंगमंडल प्रशिक्षण एवं शोध केंद्र के कलाकार नाट्य गबरघिचोर का मंचन करेंगे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version