बिहटा एयरपोर्ट के रनवे विस्तार के लिए 190.5 एकड़ भूमि अधिग्रहण के लिए टीम ने किया स्थल निरीक्षण
बिहटा एयरपोर्ट के रनवे विस्तार के लिए 190.5 एकड़ भूमि अधिग्रहण के लिए बनी टीम ने शुक्रवार को स्थल निरीक्षण किया .
संवाददाता, पटना/ बिहटा
बिहटा एयरपोर्ट के रनवे विस्तार के लिए 190.5 एकड़ भूमि अधिग्रहण के लिए बनी टीम ने शुक्रवार को स्थल निरीक्षण किया .अपर समाहर्ता, पटना के नेतृत्व में सहायक महाप्रबंधक भूमि प्रबंधन, पटना हवाई अड्डा जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता, दानापुर, अंचल अधिकारी, बिहटा तथा नगर कार्यपालक पदाधिकारी, बिहटा ने स्थल का अवलोकन किया. जिलाधिकारी ने कहा कि एयरपोर्ट के पूर्वी छोर पर 90 पक्का मकान एवं 40 कच्चा मकान हैं. साथ ही कुछ अन्य संरचनाएं भी हैं. ओएनजीसी की गैस पाइपलाइन भी एलाइनमेंट में आ रही है. एयरपोर्ट के पश्चिमी छोर पर घरों की संख्या कम है. समिति द्वारा निरीक्षण में इन सभी का अवलोकन किया गया. इधर, शुक्रवार को पहले सुबह से ही तीनों गांव के लोग प्रशासन की टीम के इंतजार में खड़े थे. जैसे ही प्रशासनिक टीम एयरफोर्स बाउंड्री के नजदीक नहर पर पहुंची. भारी संख्या में किसान मजदूर भी वहां पहुंच गये. लोगों की भारी भीड़ में आक्रोश देखकर वहां पहुंचे अधिकारी चुपचाप चलते बने. इसके बाद किसानों व ग्रामीणों ने महादेव स्थान कोरहर मंदिर के प्रांगण में सभा का आयोजन किया गया. इसके बाद बिहटा एयरपोर्ट रनवे विस्तार से अपना घर बार तबाह होने के भय से अशांकित किसानों का एक प्रतिनिधि मंडल दानापुर एसडीओ से मिलने पहुंचा.जहां उन लोगों ने एसडीओ को अपनी मांग से संबंधित एक ज्ञापन सौंप कर उसे बचाने की गुहार लगायी है.
एक माह में प्रतिवेदन देने का निर्देश
जिलाधिकारी ने कहा कि अंचल अधिकारी द्वारा नजरी-नक़्शा बना लिया गया है. समिति को एक सप्ताह के अंदर प्रतिवेदन देने का निदेश दिया गया है. सभी तथ्यों के अवलोकन एवं अध्ययन के बाद समिति द्वारा प्रतिवेदन दिया जायेगा. जिलाधिकारी ने कहा कि भूमि खोजने की प्रक्रिया में सभी स्टेकहोल्डर्स को विश्वास में लिया जा रहा है. किसी भी व्यक्ति को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है. आज भी टीम द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं लोगों से मिलकर बात की गयी है. समिति द्वारा एयरपोर्ट के बाउंड्री के पूरब स्थित सर्फुद्दीनपुर गांव एवं पश्चिम स्थित कोल्हर, सिकंदरपुर तथा देवकुली गांवों का भ्रमण किया गया. सभी हितधारकों को विश्वास में लेकर जो सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प होगा उसका क्रियान्वयन किया जायेगा.
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