आरादेश में कोरोना मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या से खतरा अभी टला नहीं है. इसके लिए लॉकडाउन के तहत सोशल डिस्टेंसिंग का पालन काफी अनिवार्य है, पर जिले में कई लोगों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है. कई जगह तो लोग सरकार व प्रशासन के निर्देशों को ताक पर रखकर भवन निर्माण का कार्य करा रहे हैं. इस कारण कई मजदूरों के एक जगह इकट्ठा होने के कारण संक्रमण की संभावना बनी रह रही है.ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस व प्रशासन है काफी सक्रियग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस व प्रशासन काफी सक्रिय है. लोग सड़कों पर नहीं निकल पा रहे हैं. इस कारण जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की अधिकांश सड़कें वीरान दिख रही हैं. वहीं, शहरी क्षेत्र में भी लोग अधिकांश समय सड़कों पर नहीं निकल रहे हैं. कोरोना से बचाव को लेकर प्रशासन की सक्रियता से सड़कें खाली रह रही हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित चौरी थाना, सिकरहटा थाना, इमादपुर थाना सहित कई थाने की पुलिस लगातार सड़कों पर गश्त कर रही है. इससे लोग सड़कों पर नहीं निकल रहे हैं. इस कारण सोशल डिस्टेंसिंग की स्थिति से लॉकडाउन की सफलता को लेकर कोई संदेह नहीं लग रहा है. पर शाम में सभी चट्टी बाजारों पर सब्जी आदि को लेकर खरीदारों की भीड़ लग जा रही हैं. इससे पूरे दिन सोशल डिस्टेंसिंग होने का कोई अर्थ नहीं रह जाता है. शाम में भी प्रशासन को लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करवाने पर ही लॉकडाउन का उद्देश्य सफल हो सकता है.विदेश यात्रा से वापस आनेवालों का सैंपल लेना अभी भी नहीं हुआ है पूराजनवरी से मार्च तक इस जिले के 326 लोग कई देशों की यात्रा कर वापस जिले में पहुंचे हैं. अभी तक लगभग 50 लोगों का ही सैंपल लिया जा चुका है. इसमें अन्य लोग भी शामिल हैं. बाकी लोगों का सैंपल नहीं लिया गया है.
सदर अस्पताल की लापरवाही समस्या पर भारी पड़ सकती है.अभी तक सभी यात्रियों की नहीं हुई पहचानतबलीगी समाज के साथ यात्रा कर रहे जिले के लोगों की अभी तक पहचान नहीं हो पायी है. इसमें से आधे अधूरे लोगों की पहचान हो पायी है. जबकि तबलीगी समाज में काफी लोगों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. तबलीगी समाज के लोगों के कारण पूरे देश में कोरोना मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गयी है. इस कारण इनके साथ यात्रा कर रहे लोगों की अविलंब पहचान कर इनका आइसोलेशन जरूरी है. जितनी ही देर होगी, उतना ही जिले में कोरोना का खतरा बढ़ जायेगा.आपदा राहत केंद्रों में लोगों को दी जा रही हैं सुविधाएंजिले में छह आपदा राहत केंद्र बनाये गये हैं. इनमें कुल 539 लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को मेंटेन करते हुए रखा गया है तथा उन्हें भोजन सहित स्वास्थ्य संबंधी सभी सुविधाएं दी जा रही हैं, ताकि उनका आइसोलेशन हो सके और कोरोना की संभावना से मुक्ति मिल सके. इसके साथ ही जिले के प्रखंडों व पंचायतों में भी कई आइसोलेशन सह आपदा राहत केंद्र चलाये जा रहे हैं और अन्य प्रदेशों से आनेवाले मजदूरों को रखकर उनका आइसोलेशन किया जा रहा है.