आरएसएस का एजेंडा बढ़ाने वाला है भाजपा का संकल्प पत्र
संवाददाता,पटना
भाकपा माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने भाजपा के संकल्प पत्र पर कहा है कि केंद्र सरकार 10 साल के शासन का कोई हिसाब नहीं दे रही और 47 का सब्जबाग दिखाया जा रहा है. खुद भाजपा ने 2014 के चुनाव में काला धन की वापसी, प्रत्येक के खाते में 15 लाख रुपया, प्रत्येक साल दो करोड़ रोजगार आदि वादों को चुनाव जीतने के बाद जुमला करार दे दिया था. 2019 के चुनाव में – सबके लिए पक्का मकान, किसानों की आय दुगुनी करने, छोटे और सीमांत किसानों को पेंशन देने जैसे वादे भी जुमले साबित हुए. दीपकंर ने कहा कि किसानों के साथ एमएसपी पर विश्वासघात हुआ. किसानों की आय उलटे घट गयी और उनपर आज कर्ज का बोझ काफी बढ़ गया है. देश में बेरोजगारी और महंगाई ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं. देश के 80 प्रतिशत से अधिक युवा बेरोजगार हैं. युवाओं से रोजगार छीनने वाली अग्निवीर योजना लागू करने वाली सरकार एक बार फिर सब्जबाग दिखला रही है.दीपंकर ने कहा कि संकल्प पत्र के एक दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यदि संविधान निर्माता डाॅ भीमराव आंबेडकर भी आ जाएं, तो संविधान नहीं बदल सकता. जिस समय मोदी का संबोधन चल रहा था ठीक उसी समय फैजाबाद से उनके निवर्तमान सांसद व लोकसभा 2024 के चुनाव के उम्मीदवार लल्लू सिंह कह रहे थे कि चूंकि भाजपा को संविधान बलदना है और नया संविधान बनाना है, इसलिए चार सौ सीटें चाहिए. सामान्य बहुमत से यह नहीं हो सकता. इसके पहले भाजपा सांसद अनंत हेगड़े भी ऐसा वक्तव्य दे चुके हैं. जाहिर सी बात है कि भाजपा का संकल्प पत्र भारत के संविधान को बदल देने की गहरी साजिश है.
उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा प्रस्तावित यूसीसी महिला अधिकारों की गारंटी करने वाला नहीं, बल्कि उसका उल्लंघन करने वाला प्रस्ताव है, जिसका नमूना उत्तराखंड में हम देख चुके हैं. यह किसी के व्यक्तिगत जीवन में हस्तक्षेप है. देश में ओलंपिक खेलों का आयोजन तो ठीक है, लेकिन पूरे देश ने देखा कि भाजपा सांसद द्वारा यौन शोषण की शिकार महिला पहलवानों के साथ भाजपा ने कैसा बर्ताव किया. मोदी शासन में महिला उत्पीड़न की घटनाओं में लगातार वृद्धि हुई है और भाजपा बलात्कारियों के पक्ष में ही खड़ी दिखी है.